कोलकाताकुछ ही क्षण पहले
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कोलकाता की फेमस भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के रथ के पहियों को 48 साल बाद बदला गया है। इस बार रथ में रूस के सुखोई जेट के टायर लगाए जा रहे हैं। फाइटर जेट की टेकऑफ स्पीड 280 किमी/घंटा तक होती है। हालांकि, रथ 1.4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा।
ISKCON कोलकाता के बताया कि पिछले साल यात्रा के दौरान रथ में चलाने में समस्या आई थी। आयोजक 15 सालों से नए टायर की तलाश में थे। अब तक बोइंग विमान के पुराने टायरों का इस्तेमाल किया जा था, लेकिन अब वे बाजार में मिलने मुश्किल हो रहे हैं।
इसके बाद आयोजकों ने सुखोई जेट के टायरों को रथ में लगाने का फैसला किया, क्योंकि इसका व्यास (डायमीटर) बोइंग के टायरों से मिलता-जुलता है। इन दिनों इन टायरों को रथ पर फिट किया जा रहा है। आयोजकों ने कहा- इस बार कोलकाता की सड़कों पर रथ सुखोई जेट के टायरों पर दौड़ेगा।

कोलकाता में भगवान जगन्नाथ के रथ में सुखोई के टायरों को फीट करने का काम चल रहा है।
कंपनी से आयोजकों से 4 सुखोई के टायर मिले ISKCON के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि उन्होंने सुखोई टायर बनाने वाली कंपनी से संपर्क किया। टायरों का कोटेशन मांगा, तो कंपनी हैरान रह गई कि आखिर कोई फाइटर जेट के टायर क्यों मांग रहा है।
इसके बाद आयोजकों ने कंपनी को पूरी बात समझाई। कंपनी के लोगों को रथ दिखाने के लिए कोलकाता बुलाया गया। तब जाकर कंपनी से चार टायर देने की सहमति बनी।
जगन्नाथ रथयात्रा 27 जून से शुरू होगी

कोलकाता जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 की तस्वीर।
कोलकाता में इस्कॉन 1972 से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन करता है। यह वहां एक प्राचीन वैष्णव उत्सव है। रथ यात्रा में हजारों लोग सड़कों पर उतरते हैं और रथ खींचने में भाग लेते हैं। रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ शहर की सड़कों से गुजरते हैं। ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मेले का आयोजन होता है।
जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है और शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ यात्रा का समापन होता है। यह तिथि जून या जुलाई में पड़ती है। इस बार रथ यात्रा की शुरुआत 27 जून से होगी। यह 8 दिन तक चलेगी। 5 जुलाई को समाप्त होगी।