Thursday, December 26, 2024
Thursday, December 26, 2024
Homeदेशसुप्रीम कोर्ट बोला-आरक्षण के लिए धर्म परिवर्तन संविधान से धोखा: ​​​​​​​क्रिश्चयन...

सुप्रीम कोर्ट बोला-आरक्षण के लिए धर्म परिवर्तन संविधान से धोखा: ​​​​​​​क्रिश्चयन धर्म अपनाया, अब नौकरी के लिए हिंदू होने का दावा सही नहीं


नई दिल्ली10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

जस्टिस पंकज मिथाल और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने बुधवार को सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरक्षण का फायदा उठाने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन संविधान के साथ धोखा है। अदालत ने यह फैसला 26 नवंबर को उस केस में सुनाया, जिसमें एक महिला ने क्रिश्चियन धर्म अपना लिया था, लेकिन बाद में शेड्यूल कास्ट सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए दावा किया कि वो हिंदू है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील को ठुकरा दिया और कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट के 3 कमेंट 1. जब वास्तव में यकीन हो तब धर्म परिवर्तन करें जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस आर महादेवन ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा। बेंच ने कहा, “किसी को भी धर्म परिवर्तन तब करना चाहिए, जब वो वास्तव में उस धर्म के मूल्यों, विचारों और आस्था से प्रेरित हुआ हो।”

2. बिना आस्था धर्म परिवर्तन को इजाजत नहीं अदालत ने कहा, “अगर धर्म परिवर्तन का मकसद आरक्षण का फायदा उठाने के लिए हो, लेकिन व्यक्ति को उस धर्म पर भरोसा नहीं हो तो इसे इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसे में ये सिर्फ रिजर्वेशन पॉलिसी और सामाजिक स्वभाव को नुकसान पहुंचाएगा।”

3. बाप्टिज्म के बाद हिंदू होने का दावा नहीं कर सकते बेंच ने कहा, “हमारे सामने जो सबूत रखे गए, उसके आधार पर बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता ने क्रिश्चियन धर्म अपनाया और वो लगातार चर्च जाती है, यानी वो धर्म का पालन भी कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ वो यह दावा कर रही है कि वो हिंदू है। वो रोजगार के लिए SC सर्टिफिकेट चाहती है। वो दो दावे कर रही है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। वे बाप्टिज्म के बाद खुद के हिंदू होने का दावा नहीं कर सकती।”

याचिकाकर्ता महिला से 8 वकीलों ने जिरह की

याचिकाकर्ता महिला सेल्वरानी की ओर से वकील एनएस नप्पिनई, वी बालाजी, असाइथम्बी एमएसएम, अतुल शर्मा, सी कन्नन, निज़ामुद्दीन, बी धनंजय और राकेश शर्मा ने जिरह की। वहीं, वकील अरविंद एस, अक्षय गुप्ता, अब्बास बी और थराणे एस ने तमिलनाडु की राज्य सरकार का पक्ष रखा।

———————————-

सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

SC रिजर्वेशन में कोटे में कोटा मंजूर, सुप्रीम कोर्ट बोला- राज्य आरक्षण में सब कैटेगरी बना सकते हैं

राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को इस बारे में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटा है। कोर्ट ने कहा कि राज्य आरक्षण में सब कैटेगरी बना सकते हैं। पूरी खबर पढ़े…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular