नई दिल्ली4 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न घड़ी के विवाद पर सुनवाई की। कोर्ट ने NCP अजित पवार गुट से कहा कि आपकी अपनी अलग पहचान है, आप उस पर महाराष्ट्र का चुनाव लड़िए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुयन की बेंच ने केस पर सुनवाई की। NCP शरद पवार की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया पोस्ट, पोस्टर्स के फोटो दिखाए और बेंच से कहा कि NCP अजित पवार ने ये सभी चीजें कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर पब्लिश की हैं।
कोर्ट रूम में शरद गुट और अजित गुट की दलीलें
- शरद गुट का आरोप: सिंघवी ने कहा कि अजित पवार गुट के कैंडिडेट अमोल मितकारी ने वीडियो पब्लिश किए हैं, जिनमें शरद पवार दिखाई दे रहे हैं। सिंघवी ने दलील दी कि यह शरद पवार की छवि और प्रतिष्ठा का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ रही है।
- अजित गुट का जवाब: ये सभी दस्तावेज फर्जी हैं।
- शरद गुट: यह अमोल मितकारी के ऑफिशियल हैंडल से पोस्ट किए गए हैं।
- सुप्रीम कोर्ट: जस्टिस सूर्यकांत ने शरद पवार गुट से पूछा, “क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र की जनता आपके विवाद के बारे में नहीं जानती है? क्या आपको लगता है कि ग्रामीण इलाकों के लोग सोशल मीडिया पोस्ट से प्रभावित हो जाएंगे?”
- शरद गुट: सिंघवी ने कहा, “ये नया भारत है। जो भी कुछ हम यहां दिल्ली में देखते हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण भारत देख चुका होता है। अगर सुप्रीम कोर्ट कोई निर्देश देता है तो दूसरा पक्ष उसका पालन करने के लिए बाध्य है।”
- शरद गुट: अजित पवार गुट ऐसा पेश कर रहा है, जैसे शरद पवार और अजित के बीच अभी भी जुड़ाव है इसलिए अजित पवार को वोट कीजिए। यह वोट अविभाजित पवार फैमिली के लिए होगा। यहां बताना जरूरी है कि 36 सीटों पर अजित पवार और शरद पवार गुट के बीच सीधा मुकाबला है।
- सुप्रीम कोर्ट: जस्टिस सूर्यकांत ने NCP अजित पवार से कहा, “ये पुराना वीडियो हो या ना हो, लेकिन मिस्टर अजित पवार आप दोनों के बीच विचारधारा का अंतर है। आप सीधा शरद पवार के खिलाफ लड़ रहे हैं। आपको अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए।”
पिछली सुनवाई में कहा था- वक्त बर्बाद न करें, चुनाव हैं, जाकर वोटरों को लुभाएं सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में अजित और शरद पवार की NCP को नसीहत दी थी कि वे कोर्ट में अपना समय बर्बाद न करें, बल्कि चुनाव में जाकर वोटरों को लुभाएं। कोर्ट ने अजित गुट से कहा था कि अखबारों में 36 घंटे के भीतर डिस्क्लेमर छपवाएं कि घड़ी चुनाव चिह्न का मामला कोर्ट में है।
शरद पवार गुट ने याचिका लगाई है चुनाव चिह्न विवाद पर शरद पवार गुट ने याचिका लगाई है। इसमें कहा गया कि अजित गुट अदालत का आदेश नहीं मान रहा, इसलिए उसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में घड़ी चिह्न के इस्तेमाल से रोका जाए। साथ ही अजित गुट को नए चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश दें।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को अजित पवार गुट को राहत दी थी। अदालत ने कहा था कि NCP (अजित गुट) आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में घड़ी चिह्न का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन उसे चुनावी बैनर और पोस्टर्स में यह लिखना होगा कि यह विवाद का विषय है और कोर्ट में विचाराधीन है।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने अजित पवार के वकील को निर्देश दिया था कि अजित गुट नया हलफनामा भी दाखिल करे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आदेश का उल्लंघन किया गया तो कोर्ट खुद ही अवमानना का केस शुरू करेगा।
जस्टिस सूर्यकांत ने अजीत पवार के वकील बलवीर सिंह से कहा था- एक बार जब हमने निर्देश जारी कर दिया तो उसका पालन करना होगा। आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा दें कि अतीत में भी आपने उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी आप उल्लंघन नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे। अपने लिए शर्मनाक स्थिति न बनाएं।
22 जनवरी को चुनाव आयोग ने शरद गुट को तुरही बजाता आदमी लोगो जारी किया था।
NCP के चुनाव चिह्न से जुड़ी पिछली 5 सुनवाई…
- 6 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- जब चुनाव चल रहे हैं तो कोर्ट अजित पवार को घड़ी के चुनाव चिह्न का उपयोग करने से कैसे रोक सकती है। साथ ही अजित गुट से पूछा- आप अखबारों में डिस्क्लेमर प्रकाशित करने में समय क्यों लगा रहे हैं। 24 घंटों या अधिकतम 36 घंटों के अंदर, आप अखबारों में डिस्क्लेमर प्रकाशित करें।
- 24 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अजित गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ‘घड़ी’ चिह्न का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन उसे चुनावी बैनर और पोस्टर्स में यह लिखना होगा कि यह विवाद का विषय है और कोर्ट में विचाराधीन है।
- 4 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि शरद पवार गुट केवल NCP (शरद पवार) नाम और तुरहा (तुरही) बजाता हुआ आदमी चिह्न का इस्तेमाल करेगा। कोर्ट ने कहा था- दूसरे शब्दों में, याचिकाकर्ता शरद पवार या समर्थक घड़ी चिह्न का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
- 19 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने NCP शरद चंद्र पवार के चुनाव चिह्न ‘तुरही बजाता आदमी’ को मंजूरी दे दी थी। अजित पवार गुट से कहा था कि वे सार्वजनिक रूप से अंग्रेजी, हिंदी, मराठी के अखबारों में विज्ञापन देकर बताएं कि उनके इलेक्शन सिंबल घड़ी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर अंतिम निर्णय कोर्ट में सुनवाई के बाद ही होगा। NCP अजित पवार को घड़ी चुनाव चिह्न के कोर्ट में विचाराधीन होने को हर टेम्प्लेट, ऐड, ऑडियो-वीडियो क्लिप में भी बताना होगा।’
- 14 मार्च: अजित पवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- अजित गुट लिखकर दे कि शरद पवार का फोटो इस्तेमाल नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा- अब आप अलग पार्टी हैं, अपनी पहचान बनाएं। साथ ही 18 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा था। बेंच ने अजित गुट से बिना शर्त लिखित गारंटी देने का आदेश दिया कि वे शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग, 23 नवंबर को मतगणना चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान किया था। राज्य में 20 नवंबर को सिंगल फेज में सभी 288 सीटों पर वोटिंग होगी। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
पूरा मामला क्या है…
6 फरवरी: चुनाव आयोग ने अजीत गुट को असली NCP माना, शरद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 6 फरवरी को चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में NCP कार्यालय में अजित पवार के समर्थकों ने जश्न मनाया। चुनाव आयोग ने इसी साल 6 फरवरी को अजित पवार गुट को ही असली NCP माना था। साथ ही आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा था।
चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था। आयोग ने कहा कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की। जिसके खिलाफ पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की इस याचिका को अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। पूरी खबर पढ़े…
15 फरवरी: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने अजित गुट को असली NCP बताया महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को सुप्रीम कोर्ट ने NCP विधायकों की अयोग्यता पर 15 फरवरी तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था। नार्वेकर ने 15 फरवरी को अजीत पवार गुट को असली NCP की मान्यता दी थी। उन्होंने अजीत गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग भी खारिज कर दी थी।
स्पीकर ने कहा था कि संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून का उपयोग आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता। जब जुलाई 2023 में NCP विभाजित हुई थी तब अजीत पवार गुट के पास 53 में से 41 विधायकों का “भारी विधायी बहुमत” था। पूरी खबर पढ़ें…
अजित ने 5 जुलाई को कहा था- अब मैं NCP चीफ
- अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया।
- इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।
- अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था। वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
- अजित ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है, इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में याचिका दायर करके अजित ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।
29 जुलाई की सुनवाई में कोर्ट ने अजित गुट से जवाब मांगा था शरद गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा अजित गुट को असली NCP घोषित करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की। कोर्ट ने अजित पवार और उनके गुट के 40 विधायकों से मामले में जवाब मांगा था।
शरद गुट की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो जाने का तर्क देते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर बेंच ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के बाद शरद गुट की इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
CJI ने कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे और अंत में सभी आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी। इसमें अन्य रिस्पॉन्डेंट्स को भी दस्ती (नोटिस देने का एक तरीका) देने की स्वतंत्रता है। दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट को असली शिवसेना घोषित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
NCP केवल 2 राज्यों में सीमित 2000 के तत्कालीन चुनाव परिणामों के आधार पर NCP का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 10 अप्रैल 2023 को छिन गया था। अब यह केवल महाराष्ट्र और नगालैंड में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता रखती है।