नई दिल्ली2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
जस्टिस रविकुमार के रिटायर होने के बाद ED की पावर की समीक्षा करने के लिए दोबारा 3 जजों की बेंच बनी। (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने ED यानी प्रवर्तन निदेशालय को 2022 में अरेस्ट और प्रॉपर्टी जब्त करने की ताकत दी थी। अब इसी फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 जजों की नई बेंच बनाई, जो आज सुनवाई करेगी।
इस नई बेंच में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह होंगे। पहले इस मामले को जस्टिस कांत, जस्टिस भुइयां और जस्टिस सीटी रविकुमार देख रहे थे, लेकिन जस्टिस रविकुमार 5 जनवरी को रिटायर हो गए, इसलिए नई बेंच बनाई गई।
पूरा मामला क्या है? दरअसल इस पूरे मामले में सबसे पहले कोर्ट ने 2022 में सुनवाई शुरू की, जब देशभर में 200 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई। इन याचिकाओं में PMLA (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की कई धाराओं को चुनौती दी गई थी। जैसे ED की गिरफ्तारी, संपत्ति की जब्ती, ECIR न देना और जमानत की कड़ी शर्तें।
- 27 जुलाई 2022: सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत सरकार केस में कहा कि ED की कार्रवाई (जैसे गिरफ्तारी, जब्ती, तलाशी) लीगल और वैलिड हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि ED को ECIR की कॉपी देना जरूरी नहीं है।
- अगस्त 2022: कोर्ट ने 2 जरूरी बातों पर दोबारा विचार करने की बात मानी। जैसे कि- ECIR न देना क्या ठीक है? और बेगुनाही की धारणा को पलटना (यानी आरोपी को ही साबित करना पड़े कि वो निर्दोष है)।
- मार्च 2024: पहले जो तीन जजों की बेंच मामले की समीक्षा कर रही थी, उसमें से एक जज (जस्टिस रविकुमार) रिटायर हो गए।
- 6 मार्च, 2025: मामला गलती से दो जजों के सामने आया, तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इसे फिर से तीन जजों की बेंच को दिया जाएगा।
- 7 मई, 2025: अब नई तीन जजों की बेंच (जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुइयां और एन. कोटिश्वर सिंह) इस पर सुनवाई करेंगे।

कोर्ट ने कहा था- मनी लॉन्ड्रिंग दुनिया भर में बड़ी परेशानी एक केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने PMLA कानून पर टिप्पणी की थी। कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग दुनिया भर में एक बड़ी परेशानी है और ये कानून कोई आम कानून नहीं है। ED के अफसर पुलिस जैसे नहीं माने जाते और ECIR को FIR की तरह नहीं देखा जा सकता। हर केस में ECIR की कॉपी देना जरूरी नहीं है, बस गिरफ्तारी के वक्त वजह बताना काफी है।
2024 में सुप्रीम कोर्ट ने ED को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फटकारा था सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त 2024 को PMLA से जुड़े एक मामले की सुनवाई की। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने ED से कहा कि PMLA के 5 हजार मामलों में केवल 40 में दोष साबित हुए हैं। आपको (ED) केवल गवाहों के बयानों पर निर्भर रहने के बजाय साइंटिफिक सबूत जुटाने चाहिए।

————————
ये खबर भी पढ़ें…
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल को कोर्ट का नोटिस; कहा- आरोपियों का पक्ष भी सुना जाएगा, अगली सुनवाई 8 मई को

नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को नोटिस दिया। 2 मई को कोर्ट में मामले की दूसरी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने मामले में सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, मेसर्स यंग इंडिया और मेसर्स डोटेक्स मर्केंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस दिया है। पूरी खबर पढ़ें…