Monday, March 17, 2025
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सुबह कॉल आया, रात को मौत की खबर: बेटे की शादी की तैयारी में लगे थे; मऊगंज हमले में शहीद हुए थे ASI – Mauganj News


एएसआई का रविवार को गृह ग्राम पवैया में अंतिम संस्कार किया गया।

मऊगंज में आदिवासी परिवार के हमले में शहीद हुए एएसआई रामचरण गौतम अपने बेटे की शादी की तैयारी कर रहे थे। इसी साल अक्टूबर महीने में वह रिटायर होने वाले थे। घटना वाले दिन सुबह छोटे बेटे धीरेंद्र को कॉल भी किया था। रात को मौत की खबर आ गई। परिवार वाले चाहत

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15 मार्च को गड़रा गांव में आदिवासियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। पुलिसकर्मी आदिवासियों द्वारा बंधक बनाए गए सनी द्विवेदी को छुड़ाने गए थे। आरोपियों ने सनी की पीट–पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं, हमले में एएसआई की मौत हो गई, जबकि 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। एएसआई का रविवार को सतना के पैतृक गांव पवैया में अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे सुनील गौतम ने उनके शव को मुखाग्नि दी।

दैनिक भास्कर ने एएसआई के बेटे और उनकी पत्नी से बात की। पढ़िए रिपोर्ट…

रविवार को ASI रामचरण गौतम का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

बार-बार बेहोश हुए जा रही थी पत्नी

सतना के पवैया में एएसआई का पैतृक गांव है। यहां रविवार को जैसे ही तिरंगे में लिपटा शव गांव पहुंचा, परिवार वाले और गांव वाले आंसू नहीं रोक सके। राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी समेत अफसर को गांव पहुंच पुष्प चक्र समर्पित कर श्रद्धांजलि दी। घर के बाहर महिलाएं इकट्‌ठा थीं। गांव के लोग भी गमगीन थे। परिवार वालों और लोगों की आंखों में गुस्सा भी था। शहीद की पत्नी पुष्पा गौतम बार-बार बेहोश हुए जा रही थीं। दोनों बेटियों का भी रो–रोकर बुरा हाल था। मंत्री ने सभी दिलासा दिया।

20 दिन हुई थी पत्नी से आखिरी मुलाकात

एएसआई की पत्नी पुष्पा गौतम पति को याद कर फफक पड़ती हैं। उन्होंने बताया, ‘पति करीब एक महीने पहले आए थे। वही आखिरी मुलाकात थी। कोई बता रहा कि पत्थर से हमला हुआ। कोई कह रहा है कि गोली लगने से मौत हुई है। कुछ समझ नहीं आ रहा। त्योहार पर भी घर नहीं आए थे। 20 दिन पहले उनकी भाभी का निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने आए थे, तभी मुलाकात हुई थी।’

घटना के बाद एएसआई के घर मातम पसरा था।

घटना के बाद एएसआई के घर मातम पसरा था।

अगले महीने घर में है शादी

एएसआई के बेटे धीरेंद्र गौतम ने बताया, ‘अगले महीने यानी अप्रैल महीने की 21 तारीख को मेरा तिलक उत्सव है। 26 अप्रैल को शादी होना है। इसी बीच, बड़ी माता जी तारा गौतम का 31 जनवरी को निधन हो गया था। तब 15 दिन की छुट्टी लेकर घर आए थे।

घरेलू कार्य से फुर्सत होकर 16 फरवरी ड्यूटी के गए थे। जाते समय पिता ने कहा था कि मार्च महीने में ड्यूटी पूरी कर अप्रैल में छुट्टी लेकर घर आऊंगा, तो शादी की तैयारी धूमधाम से करूंगा। दो बेटे और दो बेटियों की शादी तो पहले से ही कर चुका हूं। आखिरी इच्छा है कि छोटे बेटे की शादी धूमधाम से करूं। यही कह कर गए थे।

घटना वाले दिन यानी शनिवार सुबह 8 बजे पिताजी का कॉल भी आया था। उन्होंने हालचाल पूछा। जानकारी ली कि आप लोग कहां है। हमने बताया कि मैं और मम्मी मामा जी के यहां सतना के भंवर गांव में हैं। पिताजी ने कहा कि ठीक है बेटा, कार्ड बांट दो। बाकी तैयारी हम अपने से करवाएंगे। रात 10 बजे खबर आती है कि आपके पिताजी का एक्सीडेंट हो गया है। मैं, मेरे भाई और चाचा रात 12 बजे यहां आए, तब घटना की जानकारी मिली।

ऐसे माहौल में गोली चलाने की परमिशन मिलना चाहिए

बड़े बेटे सुनील गौतम ने कहा कि ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए। परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा। सरकार को अनुकंपा नियुक्ति देनी चाहिए। साथ ही, ऐसे माहौल में जवानों को गोली चलाने की परमिशन दी जाना चाहिए।

शहीद के बड़े भाई रामजी गौतम रोते हुए कहते हैं कि उपद्रवियों के प्रति सख्त होना चाहिए। वरना इनके हौसले बुलंद होंगे। पुलिस स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाई, इसलिए बड़ी घटना हो गई। रामचरण गौतम 1984 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे रीवा जिले के शाहपुर में पदस्थ थे, लेकिन हिंसा के दौरान उनकी ड्यूटी मऊगंज में लगी थी।

बेटों को सेटल करने की प्लानिंग थी

एएसआई रामचरण गौतम छह महीने बाद इसी साल अक्टूबर में रिटायर होने वाले थे। घर पर सभी इसे लेकर खुश भी थे। रिटायरमेंट के बाद वह तीनों बेटों को सेटल करना चाहते थे।

गांव के उनके पारिवारिक सदस्य मुकेश मिश्रा ने बताया कि खुश थे कि 8 माह बाद रिटायरमेंट के बाद आ कर सबसे पहले छोटे बेटे धीरेंद्र जिसकी अप्रैल में शादी होनी थी, उसे जॉब के लिए बाहर भेजूंगा। मंझलाबेटा चंद्रमणि प्रायवेट जॉब कर रहा है, उसे गांव के पास कोठी में बिजनेस कराऊंगा। बड़े बेटे सुनील गौतम को पहले ही गांव में खाद बीज की दुकान खुलवा दी थी।

कुछ दिन पहले ही ट्रांसफर करवाया था

एएसआई रामचरण गौतम 25वीं बटालियन, भोपाल में पदस्थ थे। कुछ समय पहले उन्होंने गृह ग्राम से नजदीकी मऊगंज में ट्रांसफर कराया था। परिवार में तीन बेटे सुनील गौतम, चंद्रमणि गौतम और धीरेंद्र गौतम हैं। पत्नी पुष्पा गौतम हैं। दो बेटियां अर्चना और नीता हैं। सुनील और चंद्रमणि और बेटियों की शादी हो चुकी है। एएसआई गौतम तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। बड़े भाई रामजी गौतम भी सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए हैं। छोटा भाई नगर सैनिक के तौर पर सतना जिले में तैनात है।

घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें-

मऊगंज में ASI की हत्या, तहसीलदार के हाथ-पैर तोड़े

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में आदिवासी परिवार के हमले में एक एएसआई की मौत हो गई। तहसीलदार के हाथ-पैर तोड़ दिए। टीआई समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हैं। गांव में धारा 163 (आपातकालीन स्थिति में) लगाई गई है। यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है। रविवार सुबह प्रभारी मंत्री लखन पटेल गांव पहुंचे हैं। पढ़ें पूरी खबर..



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