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- Suraksha Diagnostic IPO Open – Listing Date, Tentative Schedule | Min Max Investment Guide
मुंबई28 मिनट पहले
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सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज ओपन होगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 3 दिसंबर तक बिडिंग कर सकेंगे। 6 दिसंबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर लिस्ट होंगे।
इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹846.25 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए पूरे ₹846.25 करोड़ के 19,189,330 शेयर बेचेंगे। सुरक्षा डायग्नोस्टिक इस इश्यू के लिए एक भी फ्रेश शेयर इश्यू नहीं करेगी।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹420-₹441 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 34 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹441 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,994 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 442 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹194,922 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
रेडियोलॉजी टेस्टिंग और मेडिकल कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रोवाइड करती है सुरक्षा डायग्नोस्टिक
सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड की स्थापना 2005 में हुई थी, जो रेडियोलॉजी टेस्टिंग और मेडिकल कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रोवाइड करती है। कंपनी के पास 8 लेबोरेटरीज और 215 कस्टमर टचपॉइंट के साथ एक सेंट्रल रिफरेन्स लेबोरेटरी है। सुरक्षा डायग्नोस्टिक अपने कस्टमर्स को 44 डायग्नोस्टिक सेंटर के माध्यम से एक ही छत के नीचे ऑनलाइन और ऑफलाइन मेडिकल कंसल्टेशन सर्विस प्रोवाइड करती है, जिसमें 750 से अधिक डॉक्टर्स के साथ 120 पॉलीक्लिनिक हैं।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।