सुल्तानपुर में भ्रष्टाचार की आरोपी ग्राम प्रधान और उसके पति पर खंड विकास अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई है। दस दिन पहले दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिसे संज्ञान लेकर प्रधान और उसके पति पर समय पर मास्टर रोल नहीं देने, फर्जी साइन बनाने
.
डीसी मनरेगा की जांच में प्रधान और उसका पति मिला था दोषी
ग्राम सभा निवासी बाल मुकुंद सिंह ने 24 अक्टूबर को प्रधान के भ्रष्टाचार की शिकायत ग्राम्य विकास आयुक्त से की थी। एमएल व्यास ने डीसी मनरेगा को जांच कर रिपोर्ट तलब की थी। 7 नवंबर को टीम जांच करने पहुंची और 14 नवम्बर को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में डीसी मनरेगा ने प्रधान, उसके पति व सचिव पर लगे आरोपों को सही बताया था।
इसका संज्ञान लेकर ग्राम्य विकास आयुक्त ने डीएम सुल्तानपुर को 20 नवम्बर को एक पत्र इस आशय के साथ भेजा कि दोषी प्रधान, सचिव, कर्मचारी व संविदा कर्मी पर कार्रवाई करते हुए 15 दिन में साक्ष्य भेजे।
इसी आदेश की अनदेखी की गई। 18 दिसम्बर को प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई तो जिला प्रशासन की नींद टूटी। उच्च अधिकारियों ने खंड विकास अधिकारी कादीपुर को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। जिस पर शुक्रवार को बीडीओ शेषनाथ की तहरीर पर दोस्तपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। थाना प्रभारी पंडित त्रिपाठी ने बताया कि विवेचना प्रचलित है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।