सूरत में शनिवार को एक ही दिन दो अलग-अलग सामूहिक विवाह में 300 बेटियों का सामूहिक विवाह हुआ। पीपी सवाणी ग्रुप की ओर से 111 पिताविहीन बेटियों का सामूहिक विवाह कराया गया, जिसमें दो मुस्लिम बेटियों ने निकाह किया। वहीं, अहीर समाज ने 189 बेटियों का सामूहिक
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5274 बेटियों के पिता बने महेश सवाणी
नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए सीएम भूपेंद्र पटेल।
इन 111 पिताविहीन बेटियों की शादी कराकर पीपी सवाणी ग्रुप के चेयरमैन महेशभाई सवाणी 5274 बेटियों के पिता बन गए हैं। महेश सवाणी अब तक 5274 बेटियों की शादी करवा चुके हैं। इस मौके पर सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा- वर्ष 2011 से निरंतर हो रहा यह विवाह महोत्सव सेवायज्ञ नि:स्वार्थ सेवा का एक बेहतरीन उदाहरण है।
पिताविहीन बेटियों की शादी का यह विशेष कार्य एक अनूठी संवेदनशीलता को दर्शाता है। सीएम ने आगे कहा कि पिछले 16 वर्षों में जिन-बिन पिता की बेटियों की शादी हुई है, उन्हें पिता की कमी महसूस नहीं हुई। शादी के बाद भी एक पिता की तरह बेटियों की देखभाल करने के लिए उन्होंने महेशभाई को बधाई दी।
हर साल दिसंबर में विवाह समारोह आयोजित करता है सवाणी ग्रुप
इस बार के विवाह समारोह का नाम ‘पियरीयु’ रखा गया था।
गौरतलब है कि पीपी सवाणी परिवार हर साल दिसंबर में एक भव्य विवाह समारोह आयोजित करता है, जिसमें सैकड़ों अनाथ बेटियों का विवाह किया जाता है। इस साल भी यह परंपरा जारी रही। इस वर्ष 14 और 15 दिसबंर को मोटा वराछा अब्रामा स्थित पीपी सवाणी विद्यासंकुल में आयोजित लग्नोत्सव में 111 बेटियों के हाथ पीले हुए। इस बार के विवाह समारोह का नाम ‘पियरीयु’ रखा गया था।
मोटा वराछा अब्रामा स्थित पीपी सवाणी विद्यासंकुल में आयोजित हुआ विवाह समारोह।
शादी के बाद भी बेटियों की मदद करता है ग्रुप पीपी सवाणी ग्रुप सिर्फ विवाह करवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इन बेटियों की पूरी जिंदगी की जिम्मेदारी भी लेता है। परिवार द्वारा स्थापित ‘सेवा संघ’ इन बेटियों को आर्थिक मदद, बच्चों के पालन-पोषण और अन्य आवश्यकताओं में भी आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
पीपी सवाणी ग्रुप के चेयरमैन महेशभाई सवाणी।
पर्यावरण संरक्षण थी विवाह की थीम पर्यावरण और सामाजिक जागरूकता इस साल के विवाह समारोह में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता पर भी जोर दिया गया। सभी मेहमानों को तुलसी के पौधे दिए गए, जो ‘एक वृक्ष माँ के नाम’ अभियान के अनुरूप है।
साथ ही, इन पौधों को ‘अंगदान जागरूकता’ से जोड़ा गया। विभिन्न जातियों और धर्मों की बेटियां इस विवाह समारोह में गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल और उत्तर प्रदेश की बेटियां शामिल हुईं। इनमें दो मूक-बधिर, दो दिव्यांग और दो मुस्लिम लड़कियां भी शामिल थीं।