स्कूल के गेट पर प्रदर्शन करते हुए अभिभावक।
सूरत के अलथान इलाके में स्तित नंदुबा सीबीएसई इंग्लिश एकेडमी स्कूल के 60 स्टूडेंट्स से अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। स्कूल प्रशासन पर आरोप है कि एनुअल फंक्शन की 1000 रुपए फी न देने पर इन बच्चों को छह घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया। अभिभावकों का
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स्कूल के प्रिंसिपल की गलती थी: ट्रस्टी स्कूल की ओर से अमानवीय व्यवहार का खबर मिलते ही अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा किया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की। मामले को शांत करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। वहीं, ट्रस्टी ने स्वीकार किया कि स्कूल के प्रिंसिपल की गलती थी।
अभिभावकों को समझाने की कोशिश करते हुए स्कूल के ट्रस्टी अर्जुन पटेल।
अभिभावकों का गुस्सा देख स्कूल के ट्रस्टी भी स्कूल पहुंचे और अभिभावकों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, अभिभावक काफी गुस्से में थे, जिसके चलते स्कूल संचालकों को पुलिस बुलानी पड़ी। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।
प्रिंसिपल मोनिका शर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल मोनिका शर्मा ने पहले सभी छात्रों से एनुअल फंक्शन की 1000 फीस जमा करने को कहा था। इसके लिए अलग से बैंक खाता नंबर भी दिया गया था, जिन छात्रों की फीस बकाया थी, उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था। कक्षा दो से चार तक के बच्चों को कक्षा के बाहर छह घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया। अभिभावकों ने ट्रस्टी से मोनिका शर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मेरे बच्चे की सर्जरी हुई है: गुलाबबेन गुलाबबेन नाम की एक महिला ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले उनके बेटे की हाल ही में सर्जरी हुई थी। इस पर भी प्रिंसिपल ने उसे क्लास के बाहर खड़े रहने को मजबूर किया। बच्चा भी बार-बार कह रहा था कि उसकी तबियत ठीक नहीं है। लेकिन, उसकी बात नहीं सुनी गई।

मेरे बच्चे की फीस जमा हो चुकी है: प्रीति जैन एक अन्य अभिभावक प्रीति जैन ने कहा, मैंने शुल्क का भुगतान कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद मेरी बेटी को धूप में खड़ा रखा गया। मैंने दर्शन गांधी के निजी खाते में हजार रुपये का भुगतान किया है।
हमें नहीं पता फीस क्यों मांगी गई: ट्रस्टी इस बारे में ट्रस्टी अर्जुन पटेल ने कहा कि हमें इस संबंध में शिकायत मिली है। जो अभिभावक फीस नहीं देना चाहते, उन पर कोई दबाव नहीं है। फिलहाल हमारे एक ट्रस्टी का निधन हो गया है, जिसके कारण हम स्कूल नहीं आ पाए थे। फीस क्यों मांगी गई है, यह हमारी जानकारी से परे है। बच्चों के साथ यह व्यवहार बिल्कुल गलत है। हम सोमवार को प्रिंसिपल को बुलाकर पूछताछ करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। फिलहाल प्रिंसिपल सूरत से बाहर हैं।