ये मेरा तीसरा अटेंप्ट था। इस बार के पेपर में अच्छा स्कोर करना सबसे ज्यादा टफ लग रहा है। इसका कारण पेपर का टफ होने से ज्यादा इसका लेंदी होना है। फिजिक्स में पूछे गए न्यूमेरिकल्स में बहुत लंबे कैलकुलेशन थे। बहुत ज्यादा टाइम टेकिंग थे। बायोलॉजी का सेक्श
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ये कहना है गोरखपुर के रहने वाले शुभम मिश्रा का। शुभम लखनऊ में रहकर लगातार 3 सालों से NEET की तैयारी कर रहे हैं। उनका मकसद NEET क्वालीफाई करके MBBS करना है। पर इस बार के पेपर पैटर्न को देखकर थोड़ा निराश थे। हालांकि, वो कहते हैं कि उनका इस बार 620 के करीब स्कोर रहेगा।
रविवार को लखनऊ के 73 केंद्रों पर NEET परीक्षा हुई। परीक्षा के दौरान 5 लेवल देने पहुंचे अभ्यर्थियों की सभी परीक्षा केंद्रों पर 5 राउंड चेकिंग हुई है। इसके बाद परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों को एंट्री मिली। दोपहर बाद 2 बजे से परीक्षा शुरू हुई। 5 बजे तक पेपर चला। पेपर देकर निकले स्टूडेंट्स से दैनिक भास्कर ने बातकर पेपर पैटर्न और उसके लेवल के बारे में जाना।
पहले देखिए परीक्षा से जुडीं तीन तस्वीरें…

लखनऊ में परीक्षा समाप्त होने के बाद केंद्र से निकलते छात्र-छात्राएं।

परीक्षा केंद्र से निकलने के बाद छात्र-छात्राओं ने पेपर को लेकर आपस में डिस्कस किया।

अभिभावकों ने छात्र-छात्राओं से परीक्षा के बारे में पूछा।
अब पढ़िए स्टूडेंट्स क्या कहते हैं…
पेपर बहुत बड़ा था, सभी प्रश्न सॉल्व करना बेहद टफ
खुशी कहती है कि फिजिक्स का पेपर हार्ड था। मुझे बायो का और केमिस्ट्री का सेक्शन आसान लगा पर फिजिक्स ने खूब परेशान किया। ये मेरा पहले से थोड़ा वीक पॉइंट है। इसके न्यूमेरिकल फॉर्मूले बेस थे। लास्ट में OMR फिल करने में मुझे थोड़ा ज्यादा टाइम लग रहा था। 3 घंटे के लिहाज से पेपर ज्यादा बड़ा था।

केमिस्ट्री का आर्गेनिक पार्ट ज्यादा टफ
दिव्या यादव ने बताया कि पेपर की शुरुआत में जिनकी अच्छी स्पीड रही, उनका पेपर तो आसानी से हो गया पर जो उस दौरान स्लो रह गए, उन्हें बेहद परेशानी हुई होगी। मुझे फिजिक्स के अलावा केमिस्ट्री का आर्गेनिक पार्ट भी टफ लगा। न्यूमेरिकल्स थोड़े ज्यादा टफ रहे। थोड़े घुमा कर पूछे गए थे।

देर से जारी हुए एडमिट कार्ड
NEET परीक्षा को लेकर इस बार NTA की तरफ से सब कुछ पहले से दुरुस्त रखने दावे जरूर किए गए थे पर एग्जाम के एक दिन पहले तक परीक्षा केंद्रों को लेकर असमंजस जैसी स्थिति रही। बड़ी संख्या में प्राइवेट परीक्षा केंद्रों को सिरे से खारिज करने के कारण एडमिट कार्ड जारी होने में भी देरी हुई। कई स्टूडेंट्स ऐसे रहे जिनके एडमिट कार्ड बेहद देर से जारी हुए।
इस बार परीक्षा केंद्र में पेन तक ले जाने की अनुमति नहीं थी। पिछले साल का खराब अनुभव भी अभ्यर्थियों और पेरेंट्स के जेहन में था। ऐसे में कुछ अभ्यर्थी और कुछ स्टूडेंट्स ने परीक्षा और पैटर्न को लेकर आशंका भी जाहिर की। अब बात करते हैं पेरेंट्स से…
लखनऊ के अयोध्या रोड निवासी प्रेम कुमार ने बताया कि बेटी के पिछली बार 600 से ज्यादा नंबर थे पर एग्जाम में चीटिंग होने के कारण उसका सेलेक्शन नहीं हो पाया। 4 साल से वो लगातार पढ़ाई कर रही है। ये उसका चौथा अटेंप्ट है। भगवान चाहेगा तो उसका जरूर हो जाएगा। वो सिर्फ NEET की तैयारी ही कर रही है। उसे MBBS ही करना है। उसने ग्रेजुएशन का फॉर्म भी नहीं डाला। इस बार फिर से बेटी ने एग्जाम दिया है। पेपर टफ जरूर था पर अगर गड़बड़ी न हुई तो उसका फाइनल लिस्ट में नाम आना तय है। पर आगे भगवान भी जाने क्या होगा?

अब बात, NEET एक्सपर्ट डॉ. सुशील द्विवेदी से…
केंद्रीय विद्यालय अलीगंज के शिक्षक और NEET एक्सपर्ट डॉ.सुशील द्विवेदी ने बताया कि 3 घंटे के समय में जिन स्टूडेंट्स ने अपना बेस्ट दिया, वह एग्जाम क्लियर कर लेंगे। इस बार NEET परीक्षा में पिछले साल की तुलना में थोड़े कम रजिस्ट्रेशन हुए। पर देश भर में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स की संख्या रही। यहां करीब 2 लाख 60 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी।

पेपर मॉडरेट से ज्यादा टफ आया था। ज्यादा लेंदी भी था। नेगेटिव मार्किंग थी ही, ऐसे में लास्ट मोमेंट में पेपर छूटने के डर से जिन स्टूडेंट्स ने हड़बड़ी में अटेंप्ट किए। उनके लिए एग्जाम क्लियर करना कठिन होगा। हालांकि, मेरिट कम होने से असल मेहनती स्टूडेंट्स को उनका हक जरूर मिलने की उम्मीद है।
केमिस्ट्री सेक्शन में कुछ प्रश्न NCERT से भी लिए गए हैं। ऑर्गेनिक इनॉर्गेनिक और फिजिकल केमेस्ट्री तीनों ही सेक्शन से सवाल थे। इसमें आर्गेनिक के सवाल ज्यादा टफ थे। इन अलावा जूलॉजी से भी बेहद मुश्किल सवाल पूछे गए थे। बड़ी संख्या में पेपर NCERT बेस था पर सवाल डायरेक्ट न होकर इनडाइरैक्ट पूछे गए थे।