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नई दिल्ली38 मिनट पहले
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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सेना के सम्मान में 25 मई से देश भर में जय हिंद सभा करने जा रही है। इस दौरान सैनिकों पूर्व सैनिक को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही एनडीए सरकार से कुछ सवालों के जवाब भी मांगे जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा – 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सभी विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार का हर फैसले में समर्थन किया है। हमने सरकार से कहा था कि हम आपके साथ हैं। आतंकियों के आका जहां कहीं भी बैठे हों और चाहे वे कोई भी हों, उन्हें सबक सिखाइए। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की तीन बैठके हुईं और तीनों में फैसला हुआ कि सरकार जो भी कार्रवाई करेगी। हम उसका समर्थन करेंगे और हमने वैसा ही किया।

सुरक्षा एजेंसियों के पास आतंकी हमले का इनपुट था हमारे वीर सैनिकों ने आतंकियों के 9 ठिकानों को ही तबाह नहीं किया, बल्कि सरहद पार से हुए हर हमले का मुंहतोड़ जवाब भी दिया। जम्मू-काश्मीर से लेकर भुज तक हर हमले को नाकाम किया। लेकिन, इसी बीच थर्ड पार्टी के जरिए सीजफायर हुआ। इसीलिए विपक्ष होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सरकार से इस मामले में सवाल पूछें कि ऐसा क्यों हुआ।
पहलगाम आतंकी हमला सिक्योरिटी फेल्योर का नतीजा था। वह कैसे हुआ, जबकि उससे पहले 17 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर जाने वाले थे। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद उनका दौरान रद्द कर दिया गया था। अगर सुरक्षा एजेंसियों का आतंकी हमला होने जैसा कोई इनपुट था तो जमीनी स्तर तक इसे क्यों नहीं पहुंचाया गया?

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की विफलता है कर्नल रोहित चौधरी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी सवाल किया कि स्टार्ट ऑफ ऑपरेशन पाकिस्तान को पहले ही क्यों बता दिया गया था। ऐसा कर सरकार ने हमारे सैनिकों को धोखा दिया। आज हमारे जो सैनिक हताहत हुए हैं। हमारे जहाजों का जो नुकसान हुआ है। उसकी जिम्मेदारी सरकार को तय करनी होगी। यह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की विफलता है।
डीजीएमओ सीजफायर पर फैसला नहीं करता सीजफायर के मुद्दे पर कर्नल रोहित चौधरी ने सवाल किया कि सीजफायर पर सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ से फोन आया था। जबकि सीजफायर का फैसला डीजीएमओ नहीं, बल्कि सरकार को करना होता है। इसलिए आप सेना का राजनीतिकरण न करें। देश को बताएं कि यह फैसला सरकार का था या अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप क दवाब था।
इन सवालों के जवाब मांगेंगी कांग्रेस
- पहलगाम में इंटेलिजेंस फैल्योर कैसे हुआ?
- अब तक आतंकी क्यों नहीं पकड़े गए?
- सीजफायर क्यों और किसके दबाव में हुआ?
- विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले से सेना का प्लान क्यों बताया?
- अन्य दलों की मांग के बावजूद संसद सत्र क्यों नहीं बुलाया जा रहा?
- सीजफायर पर डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर स्पष्टीकरण क्यों नहीं दिया गया?
- 25 मई को पीएम मोदी ने केवल एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। मीटिंग बाकी दलों के सीएम को क्यों नहीं बुलाया। क्या पीएम उनके प्रधानमंत्री नहीं हैं?
पहले फेस में इन 16 जगहों पर होगी जय हिंद सभा
जगह | तारीख |
चंडीगढ़ | 25 मई |
कोचीन | 26 मई |
बाड़मेर | 26 मई |
पटना | 27 मई |
कोलकाता | 27 मई |
बेंगलुरु | 28 मई |
भुवनेश्वर | 29 मई |
गोवा | 30 मई |
शिमला | 30 मई |
कोल्हापुर | 30 मई |
पठानकोट | 31 मई |
जबलपुर | 31 मई |
हल्दवानी | 31 मई |
दिल्ली | 31 मई |
गोवाहाटी और हैदराबाद (अभी तारीख तय नहीं) |
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