Friday, May 2, 2025
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सोनीपत मंडी में बारिश से लाखों क्विंटल गेहूं भीगा: व्यापारियों का कहना- उठान में देरी; ठेकेदारों पर लगाए रिश्वतखोरी और मनमानी के आरोप – Sonipat News


गोहाना की अनाज मंडी में भीगे अनाज से पानी को बाहर निकालते हुए कर्मचारी

सोनीपत के गोहाना स्थित अनाज मंडी में बीती रात से हो रही लगातार बारिश के चलते व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। खुले में रखा लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया है। मंडी व्यापारियों ने मंडी व्यवस्था, ठेकेदारों की मनमानी और प्रशासन की लापरवाही को लेकर

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व्यापारियों ने बताया कि मंडी में खुले में रखा करीब 5 लाख बैग बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तिरपाल से ढकने के बावजूद आंधी में तिरपाल उड़ गई और गेहूं भीग गया, जिससे नमी की मात्रा बढ़ गई है। भीगे हुए अनाज पर मॉयश्चर के नाम पर कट लगाया जाएगा और व्यापारी को नुकसान उठाना पड़ेगा।

गोहाना की अनाज मंडी में पानी में पड़ा अनाज

उठान कार्य पूरी तरह बाधित, गाड़ियां नहीं उपलब्ध

व्यापारियों का कहना है कि मंडी से गेहूं का उठान कार्य बेहद धीमी गति से हो रहा है। पर्याप्त संख्या में गाड़ियां उपलब्ध नहीं हैं, जिसके चलते कई दिनों से अनाज मंडी में ही पड़ा हुआ है। उठान न होने के कारण ही व्यापारियों की पेमेंट अटकी हुई है, और जब तक उठान नहीं होता, तब तक किसान को भी भुगतान नहीं किया जा सकता। प्रदेश की सरकार द्वारा बेहतर घंटे में पेमेंट करने की बात कही जाती है।लेकिन गोहाना की अनाज मंडी में किसानों को बेहतर घंटे में नहीं बल्कि कई दिनों से पेमेंट नहीं हो रही

भीगे अनाज को फैलाने के दौरान की तस्वीर

भीगे अनाज को फैलाने के दौरान की तस्वीर

मॉयश्चर के नाम पर नुकसान और पेमेंट में देरी

मंडी में उठान कार्य धीमा होने के कारण खुले में अनाज डालने को किसान मजबूर हैं

मंडी में उठान कार्य धीमा होने के कारण खुले में अनाज डालने को किसान मजबूर हैं

व्यापारियों ने आरोप लगाया कि बारिश में भीगने से गेहूं में नमी बढ़ गई है और अब शॉर्टेज व मॉयश्चर कट लगाया जाएगा। वहीं निर्धारित मॉयश्चर से कुछ प्रतिशत ज्यादा होने पर गाड़ी को तुरंत वापस कर दिया जाता है। जिससे एक व्यापारी को कम से कम 25,000 रुपए का नुकसान होता है। आरोप है कि ढाई प्रतिशत के हिसाब से उन्हें पूरी दामी भी नहीं मिल रही।

ठेकेदारों पर रिश्वतखोरी और मनमानी के आरोप

व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया कि मंडी में ठेकेदार समय पर उठान नहीं कर रहे हैं और पैसे की डिमांड करते हैं। जो व्यापारी पैसे दे देता है, उसका माल पहले उठा लिया जाता है। जो पैसे नहीं देता, उसका अनाज वहीं पड़ा रह जाता है। इस अव्यवस्था से व्यापारी और किसान दोनों ही परेशान हैं।

अनाज मंडी में खुले में पड़े गेहूं के बैग

अनाज मंडी में खुले में पड़े गेहूं के बैग

प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

व्यापारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है। शेड टूटे हुए हैं और अब तक मरम्मत नहीं की गई है। मंडी में जगह की कमी के कारण किसानों का गेहूं बाहर खुले में पड़ा है, जो पूरी तरह बारिश से भीग गया है। उन्होंने प्रशासन की लापरवाही और ठेकेदारों पर कार्रवाई न होने को लेकर भी नाराजगी जताई।

मंडी से पानी को बाहर निकालते हुए

मंडी से पानी को बाहर निकालते हुए

गोहाना में दो कर्मचारियों को पहले किया जा चुका है सस्पेंड

गोहाना में गेहूं की खरीद प्रक्रिया में लाखों के घोटाले में दो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। जहां तोल और नमी की मात्रा में गड़बड़ी कर अनाज में हेराफेरी की जा रही थी। कई दिन पहले एसीएस आनंद मोहन के निर्देश पर गोहाना की एसडीएम अंजली ने सख्त कार्रवाई करते हुए हैफेड के गोदाम में तैनात एएफआई (AFI) बादल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं रामगढ़ में स्टोरकीपर के अतिरिक्त पद पर तैनात जयप्रकाश को हटाकर माहरा में ट्रांसफर कर दिया गया है। अब एक बार फिर व्यापारियों ने आरोप लगाएं हैं।



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