नई दिल्ली8 मिनट पहले
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गिर सोमनाथ के कलेक्टर और गुजरात के अधिकारियों ने 28 सितंबर को 57 एकड़ में फैले अतिक्रमणों पर बुलडोजर चलवाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अगर उसे लगता है कि गुजरात में अधिकारियों ने बुलडोजर एक्शन पर उसके आदेश की अवमानना की है, तो वह न केवल अधिकारियों को जेल भेजेगा, बल्कि उन्हें ध्वस्त की गई संपत्ति दोबारा बनाने का आदेश भी देगा।
यह बात जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कही। बेंच गुजरात में सोमनाथ मंदिर के पास बने अवैध निर्माणों पर 28 सितंबर को हुए बुलडोजर एक्शन के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में समस्त पाटनी मुस्लिम जमात ने सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करने की मांग की थी। इस दौरान मुस्लिम धार्मिक और आवासीय स्थलों को ज्यों का त्यों रखने की मांग खारिज कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
सोमनाथ मंदिर से 340 मीटर दूर बने थे घर और दरगाह याचिका समस्त पटनी मुस्लिम जमात के वकील संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आदेश के बावजूद, गुजरात में अधिकारियों ने बुलडोजर एक्शन को अंजाम दिया। यहां 57 एकड़ के क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की लगभग 5 दरगाहें, 10 मस्जिदें और 45 घरों पर बुलडोजर चलवाया गया।
गुजरात के अधिकारियों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये संरचनाएं समुद्र से सटी हुई थीं और सोमनाथ मंदिर से करीब 340 मीटर दूर थीं।
देश भर में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुरक्षित सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में हो रहे बुलडोजर एक्शन के मामले में 1 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा था कि फैसला आने तक देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी। अभी सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की तारीख तय नहीं की है।
हालांकि कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि अवैध अतिक्रमणों को हटाने पर कोई रोक नहीं होगी। सड़क हो, रेल लाइन हो, मंदिर हो या फिर दरगाह, अवैध अतिक्रमण हटाया ही जाएगा। हमारे लिए जनता की सुरक्षा ही प्राथमिकता है।