अयोध्या में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक फैसला सुनाते हुए अयोध्या पुलिस को दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए है। मामला तारुन थाना क्षेत्र की ग्राम सभा रजौरा का है। करीब 30 वर्षीय विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनो
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मृतका के भाई अनिल निषाद ने बताया कि रजौरा झलियहवा निवासी इन्द्र जीत निषाद पुत्र मनीराम के साथ बहन सुनीता का विवाह किया गया था। पति इन्द्र जीत, ससुर मनीराम,सास प्रेमा देवी,ननद शारदा देवी, दहेज को लेकर प्रताड़ित करते रहते थे और पुत्री के जन्म देने पर अधिक तंग करनें लगे थे। प्रताड़ना की शिकायत पुलिस से की गई थी। परन्तु शिकायत को रद्दी में डाल दिया गया। बीते पांच नवम्बर को बहन को मार मार कर मौत की नींद सुला दिया। बहन की मौत की सूचना पर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचकर घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। ससुरालीजनों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के लिये पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटता रहा। किन्तु कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय का सहारा लिया। न्यायालय ने तारुन पुलिस को मुकदमा दर्ज एक सप्ताह में विवेचना कार्रवाई से अवगत कराने का आदेश पारित कर दिया है।