शामली में शिक्षा विभाग की लापरवाही और स्थानीय स्कूल प्रशासन की हठधर्मी ने एक छात्र के भविष्य को संकट में डाल दिया है। मामला शामली के थाना भवन थाना क्षेत्र स्थित दिव्या पब्लिक स्कूल का है, जहां फीस न जमा होने पर एक छात्र को परीक्षा कक्ष से बाहर निकाल
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उसका परीक्षा देने का अधिकार छीन लिया गया। इस घटना के बाद पीड़ित छात्र के पिता की तबियत बिगड़ गई। उन्हें हार्ट अटैक आ गया। जिसके बाद उन्हें एक हफ्ते तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।
स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन
अखिल भारतीय परिषद संगठन के छात्र-छात्राओं ने इस मामले को लेकर स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया। दिल्ली-सहारनपुर हाईवे भी जाम किया। लेकिन स्कूल प्रशासन की हिटलर शाही और शिक्षा विभाग की लापरवाही के आगे उनकी आवाजें दब गईं। अखिल भारतीय परिषद के पदाधिकारियों ने मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया। पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल सका।
भरोसे के बावजूद छात्र को नही दी टीसी
शिक्षा विभाग के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन लोगों की टीम बनाकर 24 घंटे में कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन इस भरोसे के बावजूद छात्र को न तो टीसी मिली और न ही उसकी पढ़ाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
इस पूरी घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्व शिक्षा अभियान की योजनाओं के बावजूद, शिक्षा विभाग के अधिकारी और स्कूल प्रशासन सरकारी योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
अब स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग की लापरवाही और स्कूल की हठधर्मी के चलते छात्र का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इस गंभीर मुद्दे पर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।