जमुई के बरहट प्रखंड में स्थित उत्क्रमित मध्य स्कूल पतौना में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। स्कूल में 165 बच्चे नामांकित हैं। इनके लिए मात्र चार कमरे उपलब्ध हैं। एक कमरे में प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्यालय है।
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स्थिति यह है कि कक्षा 1 और 3 के बच्चों को बरामदे में पढ़ना पड़ता है। बरामदे में न पर्याप्त रोशनी है और न ही पढ़ने का उचित माहौल है। सहायक शिक्षिका पूनम कुमारी के अनुसार कमरों की कमी से एक ही कक्ष में कई विषय पढ़ाने पड़ते हैं। इससे बच्चों को समझने में परेशानी होती है।
ठेकेदार पर भष्ट्राचार का आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि एक साल पहले स्कूल का पुराना भवन गिराया गया था। नए भवन के निर्माण का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अभी तक निर्माण काम शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने भवन का मलबा भी बेच दिया।
प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रशासन को कई बार शिकायत की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्कूल की यह स्थिति बच्चों की शिक्षा को प्रभावित कर रही है। अब सरकार और शिक्षा विभाग से बच्चों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण की मांग की जा रही है।