Monday, March 17, 2025
Monday, March 17, 2025
Homeदेशस्टालिन बोले- सीतारमण ने भी तमिल सिंबल यूज किया: इसे बढ़ा...

स्टालिन बोले- सीतारमण ने भी तमिल सिंबल यूज किया: इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे तमिल विरोधी; वित्त मंत्री ने जताया था विरोध


चैन्नई17 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच विवाद चल रहा है।

तमिलनाडु के बजट में रुपए के सिंबल ‘₹’ को तमिल भाषा के ‘ரூ’ से रिप्लेस करने पर भाजपा राज्य की DMK सरकार पर लगातार हमलावर है। इस बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपनी सरकार का बचाव किया।

स्टालिन ने कहा- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी रुपए के सिंबल ‘₹’ की जगह स्थान पर तमिल सिंबल ‘ரூ’ का उपयोग किया था। ये कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं है।

उन्होंने कहा- तमिल का विरोध करने वाले इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। यह उनकी सरकार की तमिल भाषा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दरअसल, सिंबल बदलने पर वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्य सरकार का विरोध किया था। उन्होंने कहा था- सभी निर्वाचित प्रतिनिधि और अधिकारी हमारे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए संविधान की शपथ लेते हैं।

बजट में रुपए का सिंबल बदलने को लेकर विवाद

नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच विवाद चल रहा है। इस बीच तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट से ₹ का सिंबल बदलकर तमिल भाषा में कर दिया। सरकार ने 2025-26 के बजट में ‘₹’ का सिंबल ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया। यह तमिल लिपी का अक्षर ‘रु’ है।

भाजपा ने इस पर नाराजगी जताते हुए स्टालिन को स्टूपिड कहा तो केंद्रीय वित्त मंत्री ने पूछा कि 2010 में जब सिंबल बना था तब इसका विरोध DMK ने क्यों नहीं किया। पूरी खबर पढ़ें…

अब देखिए सिंबल में बदलाव…

अन्नामलाई बोले- DMK नेता के बेटे ने डिजाइन किया था ₹ का सिंबल भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट करके स्टालिन को स्टूपिड कहा। उन्होंने लिखा- ₹ के सिंबल को तमिलनाडु के रहने वाले थिरु उदय कुमार ने डिजाइन किया था। वे DMK के पूर्व विधायक के बेटे हैं। तमिल द्वारा डिजाइन किए गए रुपए के प्रतीक को पूरे भारत ने अपनाया, लेकिन DMK सरकार ने राज्य बजट में इसे हटाकर मूर्खता का परिचय दिया है।

तमिलनाडु में इस वक्त ट्राय लैंग्वेज वॉर, संसद में उठा मुद्दा तमिलनाडु में इस वक्त ट्राय लैंग्वेज को लेकर विवाद जारी है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्र के बीच नई शिक्षा नीति पर तकरार जारी है। इसको लेकर संसद के बजट सत्र में भी काफी हंगामा हुआ।

संसद के बजट सत्र के पहले दिन से DMK के सांसद नई शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं। वे शिक्षा मंत्री और सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के करीब पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे।

जानिए कैसे शुरू हुआ ट्राय लैंग्वेज वॉर…

15 फरवरी: धर्मेंद्र प्रधान ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया।

18 फरवरी: उदयनिधि बोले- केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें चेन्नई में DMK की रैली में डिप्टी CM उदयनिधि स्टालिन ने कहा- धर्मेंद्र प्रधान ने खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा, जब हम ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूला स्वीकार करेंगे, लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं। जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करे।

23 फरवरी: शिक्षा मंत्री ने स्टालिन को लेटर लिखा ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा। उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की। उन्होंने लिखा, ‘किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है, लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। NEP इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है।’

25 फरवरी: स्टालिन बोले- हम लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार हैं स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है।

गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा 5वीं और जहां संभव हो 8वीं तक की क्लासेस की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में करने पर जोर है। वहीं, गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जा सकती है। साथ ही, हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में कोई अन्य भारतीय भाषा (जैसे- तमिल, बंगाली, तेलुगु आदि) हो सकती है।

13 मार्च : तमिलनाडु सरकार ने बजट डॉक्यूमेंट में रुपए का सिंबल बदला

तमिलनाडु में DMK की सरकार ने 13 मार्च को 2025-26 के बजट में ‘₹’ का सिंबल ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया था। यह तमिल लिपी का अक्षर ‘रु’ है। भाजपा ने इस पर नाराजगी जताते हुए स्टालिन को स्टूपिड कहा तो केंद्रीय वित्त मंत्री ने पूछा कि 2010 में जब सिंबल बना था तब इसका विरोध DMK ने क्यों नहीं किया। पूरी खबर पढ़ें…

———————————————-

HC बोला-तमिलनाडु में सरकारी नौकरी के लिए तमिल जरूरी: याचिकाकर्ता ने कहा था- मैं CBSE में पढ़ा

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने एक फैसले की सुनवाई करते हुए कहा कि, तमिलनाडु में सरकारी नौकरी चाहने वालों को तमिल पढ़ना और लिखना आना चाहिए। बेंच ने ये टिप्पणी तमिलनाडु बिजली बोर्ड (TNEB) के एक जूनियर सहायक से जुड़े मामले में की। जो अनिवार्य तमिल भाषा की परीक्षा पास करने में विफल रहा। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि, उनके पिता नेवी में थे जिसके चलते उन्होंने CBSE स्कूल में पढ़ाई की है। इसलिए वह कभी तमिल नहीं सीख पाए। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular