राजगढ़ के जीरापुर क्षेत्र के कालीसिंध जैतपुरा गांव में जमीनी विवाद को लेकर हुए एक हत्याकांड के मामले में शुक्रवार को चार साल बाद राजगढ़ विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। हत्या के 7 दोषियों को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।
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घटना 28 मई 2020 की रात 9 बजे की है, जब बने सिंह अपने खेत में गेहूं की फसल की सिंचाई कर रहे थे। तभी जमीनी विवाद को लेकर मानसिंह (50), निर्भय सिंह (40), भगवान सिंह (28), हेमराज (25), देवराज (27), सत्यनारायण (26) और रायसिंह (45) हथियारों से लैस होकर वहां पहुंचे।
तलवार और फरसे की किया था हमला
आरोपियों ने तलवार और फरसे से बने सिंह पर हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने बीच-बचाव करने वाले राम सिंह मालवीय (बटाईदार) पर भी हमला किया। हमले में बने सिंह का सिर फट गया और एक हाथ का पंजा कटकर अलग हो गया, जिससे उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
हमले की आवाज सुनकर मृतक के छोटे भाई चंदन सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन आरोपियों को रोकने से पहले वे वहां से फरार हो गए थे ।
वहीं, घटना की सूचना मिलते ही जीरापुर पुलिस ने चंदन सिंह की शिकायत पर धारा 302, 307, 147, 148 और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सभी सात आरोपियों को माचलपुर के पास कुमड़ा गांव से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घटना के सभी साक्ष्य जुटाकर चार्जशीट विशेष अदालत में पेश की।
चार साल बाद मिला न्याय
चार साल तक चली न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह और दस्तावेजी प्रमाण पेश किए। विशेष लोक अभियोजक पी.एन. मालाकार ने प्रभावी पैरवी करते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार दिलवाया। विशेष अदालत ने सातों आरोपियों को हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई।
परिवार ने जताई राहत
पीड़ित परिवार ने न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त किया। मृतक के भाई चंदन सिंह ने कहा, ” साढ़े चार साल से हम न्याय की आस में थे। आज का दिन हमारे लिए भावनात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।”