हनुमान जन्मोत्सव का पावन पर्व 12 अप्रैल शनिवार को चैत्र पूर्णिमा के दिन है. उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव यानि हनुमान जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. हनुमान जन्मोत्सव के दिन लोग वीर हनुमान की पूजा करते हैं, उनके पसंद के भोग अर्पित करते हैं. बजरंगबली के आशीर्वाद से भक्तों के संकट दूर होते हैं, बल, ज्ञान, शक्ति, सामर्थ्य आदि में बढ़ोत्तरी होती है. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लोग लाल लंगोट, ध्वज, सिंदूर, जनेऊ आदि अर्पित करते हैं. इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं कि हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी को किस रंग का सिंदूर अर्पित करना चाहिए? किस तेल में सिंदूर मिलाकर चोला चढ़ाना चाहिए?
हनुमान जी का सिंदूर से क्या संबंध है?
पौराणिक कथा के अनुसार, लंका युद्ध के बाद प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौट आए और राजा बने. हनुमान जी भी अयोध्या में ही थे. एक दिन उन्होंने देखा कि माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही हैं, तो हनुमान जी के मन में जिज्ञासा हुई कि माता ने क्या लगा रखा है. उन्होंने सीता जी से पूछा कि माता, आपने मांग में ये क्या लगा रखा है? इस पर उन्होंने कहा कि यह सिंदूर है. इसको लगाने से प्रभु राम प्रसन्न होते हैं.
यह बात सुनकर हनुमान जी खुश हो गए. उन्होंने अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया और राम जी के दरबार में पहुंच गए. उनको देखकर सभी लोग हंसने लगे. तब राजा रामचंद्र जी ने पूछा कि हनुमान, तुमने पूरे शरीर में सिंदूर क्यों लगा रखा है? इस पर हनुमान जी ने कहा कि माता सीता ने बताया था कि जब वे इसे लगाती हैं तो आप प्रसन्न होते हैं. इसलिए उन्होंने पूरे शरीर में ही सिंदूर पोत लिया, ताकि आप अपने इस भक्त पर भी सदैव प्रसन्न रहें.
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इस घटना के बाद से लोग हनुमान जी को पूजा के समय सिंदूर अर्पित करते हैं. सिंदूर में लिपटे हनुमान जी को देखकर प्रभु राम प्रसन्न होते हैं और उनको देखकर हनुमान जी सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं. कहा जाता है कि हनुमान जी की कृपा पानी है तो प्रभु राम को प्रसन्न करें.
हनुमान जी को कौन सा सिंदूर चढ़ाएं?
हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हनुमान जी को पीले रंग का सिंदूर अर्पित करते हैं. पीला सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक है, जबकि लाल सिंदूर लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. तीज या सुहाग से जुड़े व्रत और पर्व में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं पीले रंग का सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य दिनों में लाल रंग का सिंदूर लगाती हैं. हनुमान जी को पीला सिंदूर चढ़ाते हैं, जो हल्के नारंगी रंग का होता है.
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हनुमान जी को चढ़ाएं सिंदूरी चोला
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूरी चोला चढ़ाना चाहिए. इसके लिए आपको चमेली के तेल और पीले सिंदूर की जरूरत होगी. पूजा के समय चमेली के तेल में पीला सिंदूर मिला लें. फिर हनुमान जी का स्मरण करके उनको सिंदूर का चोला चढ़ाएं.
हनुमान जी को चोला चढ़ाने के फायदे
राम भक्त हनुमान जी को चोला चढ़ाने से मंगल का दोष दूर होता है. व्यक्ति के साहस और पराक्रम में वृद्धि होती है. रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है. इस उपाय को करने से कर्ज खत्म होता है. साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव मिटता है.