प्रभु राम के परम भक्त और संकटमोचन हनुमान जी कलियुग के जाग्रत देवताओं में से एक हैं. कलियुग में आप किसी देवता को जल्द प्रसन्न करना चाहते हैं तो वे हैं पवपपुत्र हनुमान जी. वीर बजरंगबली की पूजा करने से भक्तों के भय, रोग, दोष, कष्ट, विकार आदि सब दूर हो जाते हैं. पवनपुत्र की कृपा से बड़े से बड़ा भी संकट पल भर में टल जाता है. दुर्गम काम भी आसानी से हो जाता है. जिस पर हनुमान जी की कृपा हो गई, वो व्यक्ति संसार में सब सुखों को प्राप्त कर सकता है. इस वजह से मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. हनुमान जी की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए, जिसमें ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना अनिवार्य है. आपके मन में सवाल होगा कि हनुमान जी की पूजा का सबसे अच्छा समय क्या है? हनुमान जी की पूजा का सबसे बढ़िया दिन कौन सा है?
हनुमान जी की पूजा का सबसे अच्छा समय
लोग पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा सुबह, दोपहर, शाम और रात में करते हैं. कई बार लोग अज्ञानतावश ऐसा कर देते हैं. हनुमान जी की पूजा सुबह में या फिर सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए. लोक मान्यताओं के अनुसार, दोपहर में उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए.
1. ब्रह्म मुहूर्त या दोपहर से पूर्व
हनुमान जी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त या फिर दोपहर से पहले तक कर लेनी चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त में आप स्नान आदि से निवृत होकर हनुमान जी की पूजा करें. सूर्योदय के समय भी हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं. ब्रह्म मुहूर्त का समय स्नान और दान के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. ब्रह्म मुहूर्त 03:30 एएम से 05:30 एएम तक माना जाता है. हर दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय अलग अलग होता है. इसे आप पंचांग से देख सकते हैं.
2. सूर्यास्त के बाद हनुमान पूजा
सूर्य देव जब अस्त हो जाएं तो उसके बाद अंधेरा होने लगता है, उस समय से प्रदोष काल प्रारंभ हो जाता है. इस समय में संध्या पूजा, आरती आदि की जाती है. इस समय में आप हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं. हनुमान जी के लिए घी का एक दीपक भी जलाएं. बजरंगबली की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
ये भी पढ़ें: बुधवार को करें इस स्तोत्र का पाठ या जपें ऋण मोचक गणेश मंत्र, कर्ज से जल्द मिलेगी मुक्ति!
3. हनुमान पूजा का सबसे अच्छा दिन
वैसे तो सभी दिन हनुमान जी की पूजा करने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन मंगलवार को पवनपुत्र का जन्म हुआ था, इसलिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा विशेष मानी जाती है. इस दिन हनुमत पूजा करने से मंगल दोष दूर होता है और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है.
मंगलवार के अलावा शनिवार को हनुमान जी की पूजा की जाती है. शनि देव का संबंध शनिवार से है, वे भी कलियुग जाग्रत देव हैं. जिन पर शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव होता है, उनको शनिवार को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. जो हनुमान जी की पूजा करता है, उसे शनि देव परेशान नहीं करते हैं.
मंगलवार और शनिवार के अलावा हनुमान जी की पूजा पूर्णिमा और अमावस्या के दिन करना शुभ फलदायी माना जाता है.
हनुमान जी की पूजा कैसे करें?
सबसे पहले स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र पहनें. वह लाल या केसरिया हो तो ज्यादा अच्छा है. उसके बाद पूजा स्थान को साफ करें और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें.
हनुमान जी का जल से अभिषेक करें. फिर लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, चना-गुड़, नारियल, लड्डू, धूप, दीप, फल आदि अर्पित करें. इस दौरान ॐ श्री हनुमते नमः मंत्र का जाप करते रहें. फिर घी का दीपक जलाएं.
हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, संकटमोचन हनुमानाष्टक आदि का पाठ करें. समय हो तो सुंदरकांड का पाठ करें. पूजा का अंत आरती से करें. आरती कीजै हनुमान लला की…यह हनुमान चालीसा में दिया गया है. पूजा के बाद हनुमान जी से मनोकामनापूर्ति का आशीर्वाद लें. फिर लोगों में प्रसाद बांटें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)