तोपचांची (धनबाद) | 13 अप्रैल 2025तोपचांची प्रखंड अंतर्गत रंगरीटाड़ और चितरपुर के अंबाडीह गांव में पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ भोक्ता मेला सह चड़क पूजा का आयोजन किया गया। वैशाख माह में मनाया जाने वाला यह पर्व कुडमि समाज के लिए विशेष महत्व रखता है और झारखंड की अनूठी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
पूजा के दौरान भोक्तागण ने विधिपूर्वक बुढ़ाबाबा थान में पूजा-अर्चना की और परंपरागत रूप से लाठ-खूटा पर चढ़कर 80 फीट ऊंचे झूले में झूलने जैसी कठिन साधनाओं का प्रदर्शन किया। कुछ श्रद्धालुओं ने आग के बीच चलकर, पीठ में कील गड़ाकर और जीभ पर तार लगाकर अपनी आस्था व्यक्त की। बकरा बलि और सामूहिक दंडवत जैसे अनुष्ठानों से पूरा क्षेत्र भक्ति और आस्था में सराबोर रहा।
इस अवसर पर आजसू पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद महतो ने उपस्थित होकर श्रद्धालुओं को संबोधित किया और कहा, “चड़क पूजा न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान का जीवंत प्रतीक है। हमें अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों को संजो कर रखना होगा, यही हमारी असली ताकत है।”पूरे आयोजन में महिला-पुरुषों समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भागीदारी देखी गई और प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा एवं व्यवस्था के पर्याप्त प्रबंध किए गए थे।
