हरदा में रविवार को 1600 मैट्रिक टन डीएपी की रेक पहुंची। सोमवार को जिला मुख्यालय सहित 9 सोसाइटी में इसका वितरण किया गया। डीएपी खाद आने की सूचना पर बड़ी संख्या में किसान सुबह डीएमओ गोदाम पहुंच गए। हालांकि किसानों ने लाइन में लगकर खाद ली।
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इस दौरान किसानों को आसानी से खाद दिलाने के लिए पुलिस जवानों को तैनात किया गया। इधर किसानों का कहना है कि उन्हें धूप में खड़े होकर खाद लेना पड़ रहा है। उन्हें डीएपी की मात्रा ज्यादा लग रही है, लेकिन मात्र दस बोरी ही मिल पा रही है।
कृषि उप संचालक संजय यादव ने बताया कि जिले में 1600 मैट्रिक टन डीएपी का गोदामों सहित हर जगह एक-एक प्राइवेट का काउंटर लगाया गया है। आज करीब तीन हजार बोरी डीएपी बांटने का लक्ष्य है। ऐसे में शाम के बाद भी आगर कोई किसान बच जाता है तो उसे कल खाद दी जाएगी।
खाद को गोदामों पर पहुंचने की सूचना मिलते ही किसान इसे लेने के लिए पहुंच गए।
विपणन संघ के जिला प्रबंधक योगेश मालवीय ने बताया कि जिले में 1600 मैट्रिक टन खाद में से 250 मारफेड, 100 मैट्रिक टन मार्केटिंग सोसाइटी, 150 मैट्रिक टन विपणन संघ के गोदाम, 100 एमपीएग्रो और 100 मैट्रिक टन प्राइवेट डीलर्स के माध्यम से वितरित की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं सभी किसानों को दस-दस बोरी डीएपी दी जा रही है।
रबी सीजन में जिले में 1 लाख 91 हजार 300 हेक्टेयर रकबे में बोवनी प्रस्तावित
कृषि विभाग के सहायक संचालक अखिलेश पटेल ने बताया कि इस साल रबी सीजन में एक लाख 91 हजार 300 हेक्टेयर रकबे में बोनी प्रस्तावित है। इसमें से गेहूं 92 हजार और चना 95 हजार 200 हेक्टेयर प्रस्तावित है। शेष रकबे में रबी सीजन की अन्य फसलें बोई जाएगी।
बता दें, रबी सीजन में गेहूं-चने की बोवनी से पहले तवा बांध से पलेवा के लिए एक नवंबर को नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय हुआ है। हरदा के किसानों ने 25 अक्टूबर को इसे छोड़ने की मांग की थी, जो एक नवंबर को डेम से छोड़ा जाएगा।
हर किसान को आसानी से खाद उपलब्ध हो इसे लेकर पुलिसकर्मियों को भी गोदामों पर तैनात किया गया।