कचरे का ढेर स्थानीय निवासियों को दिनभर दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
हरदा के मुक्तिधाम के पास कचरे का ढेर स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। शहर के 35 वार्डों से निकलने वाला कचरा यहां डाला जाता है, जिससे आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को दिनभर दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नगर पालिका ने नहाडिया में 13.5 एकड़ भूमि पर 2 करोड़ 74 लाख रुपए की लागत से कचरा प्रोसेसिंग यूनिट बनाने का निर्णय लिया है। इस प्लांट में दो शेड और फेंसिंग का निर्माण किया जाएगा। नगर पालिका के उपयंत्री एसके बोहरे ने बताया कि इस प्लांट में हरदा जिले की चारों निकायों और देवास जिले की निकायों समेत कुल 11 निकायों के कचरे का निपटान किया जाएगा।
मवेशियों की जान को खतरा वर्तमान में खेड़ीपुरा नाके के पास कचरे का ढेर लगा हुआ है। यहां सुबह से शाम तक आवारा मवेशियों का जमावड़ा रहता है। मवेशी प्लास्टिक और अन्य कचरा खा रहे हैं, जिससे उनकी जान को खतरा है। राहगीरों को दुर्गंध से बचने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधकर निकलना पड़ता है।
विश्नोई समाज ने किया विरोध नहाडिया में प्रस्तावित प्लांट का विश्नोई समाज ने विरोध किया है। समाज के लोगों ने संत आचार्य डॉ. गोवर्धनराम के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया था।
मवेशी प्लास्टिक और अन्य कचरा खा रहे हैं।