Wednesday, June 18, 2025
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हरियाणा का पानीपत गैस चैंबर बना,AQI 500 पहुंचा: पटियाला का 209; एक्सपर्ट बोले- 400 पार होने पर ऑक्सीजन की कमी होती है – Hisar News


हिसार में सुबह के समय आसमान में बिछी स्मॉग की चादर।

हरियाणा और पंजाब में प्रदूषण के कारण हालात बिगड़ने लगे हैं। हरियाणा में जीटी रोड के जिलों में प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच रहा है। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार तक पराली जलाने के मामले तेजी से घट रहे हैं। इसके बावजूद पानीपत गैस चैंबर बन गया है।

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पानीपत में वाहनों की बढ़ती संख्या, जाम और इंडस्ट्रीज प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। पंजाब की बात करें तो पटियाला का AQI सबसे ज्यादा 209 दर्ज किया गया है।

दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। जिस तरह प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी।

आज पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों राज्यों से पराली जलाने से रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा था।

बिश्नोई बोले- 400 AQI में ऑक्सीजन की कमी होती है पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है।

धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों में सूजन) की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसके जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती हैं।

दोनों राज्यों में पराली जलाने के मामले और क्या कार्रवाई हुई?

हरियाणा : राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 46, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, सिरसा में 3 महिला किसानों पर केस दर्ज किया है। जांच में महिला किसानों की ओर से जमीन पट्टे पर दिए जाने की बात सामने आई।

अब पुलिस काश्तकार किसानों को तलब करेगी। वहीं, पलवल में पराली जलाने पर एक महिला किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया। करनाल में 5, सोनीपत और कैथल में 2-2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ समय बाद इन्हें जमानत दे दी गई। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है।

पंजाब : पंजाब पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल DGP) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं। 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

हरियाणा में पराली जलाने के मामले घटे, सख्ती का दिखा असर हरियाणा में पराली जलाने के मामले में कमी आई है। 2021 के बाद पिछले 3 साल में सबसे कम मामले हैं। इसका एक बड़ा कारण अधिकारियों पर सख्ती भी माना जा रहा है। वहीं किसानों को जागरूक करने पर तेजी से काम शुरू हुआ है।

प्रदेश में मंगलवार को सिर्फ 10 मामले सामने आए है, जबकि अभी तक 665 जगह पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। स्मॉग से लोगों को दिक्कत होनी शुरू हुई तो सरकार ने सख्ती के आदेश दिए। आंकड़ों पर नजर डाले तो अभी तक पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले कैथल में 129 आए हैं।

3 साल में आधे से भी कम हुए मामले प्रदेश में 3 साल में आधे से भी कम मामले हो गए है। 2021 में प्रदेश में 15 सितंबर से अभी तक 1508 आगजनी के मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद 2022 में 893, 2023 में 714 मामले दर्ज हुए थे। मगर, अब 2024 में यह आंकड़ा 665 पर रुका है। सरकार की तरफ से इस आंकड़े को कम करने के लिए लगातार छापेमारी भी की जा रही है।

एकसाथ 24 अधिकारी-कर्मचारी सस्पेंड किए

हरियाणा में एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं।कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है।

इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है।



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