Thursday, December 26, 2024
Thursday, December 26, 2024
Homeराज्य-शहरहरियाणा के पूर्व CM चौटाला- विधायकों की पेंशन पर संकट: हाईकोर्ट...

हरियाणा के पूर्व CM चौटाला- विधायकों की पेंशन पर संकट: हाईकोर्ट में याचिका दायर; सजा के बाद भी मिल रही पेंशन, HC ने जवाब मांगा – Haryana News



हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला सहित 4 पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट खड़ा हो गया है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद भी इन माननीयों को पेंशन दिए जाने को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।

.

याचिका पर इस मामले में सभी प्रतिवादियों से जवाब मांगा गया है। हाईकोर्ट ने पूर्व CM चौटाला, पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी से जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए? चंडीगढ़ निवासी हरी चंद अरोड़ा ने यह हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी।

यहां पढ़िए, किसको कितनी मिल रही पेंशन

सचिवालय की तरफ से बताया गया कि 288 पूर्व विधायकों को पेंशन दी जा रही है। इनमें ओमप्रकाश चौटाला को 2 लाख 15 हजार 430 रुपए पेंशन मिल रही है। उनके पुत्र अजय चौटाला को 50 हजार 100 रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है और शेर सिंह बड़शामी को भी 50 हजार 100 रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है। ऐसे ही सतबीर सिंह कादियान को भी पेंशन दी जा रही है।

चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को हो चुकी 10 साल की सजा

याचिकाकर्ता का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 को दस साल की सजा हो चुकी है। सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 को सात साल की सजा हो चुकी है। इसलिए इन्हें पेंशन मिलना गैरकानूनी है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है।

इस नियम के तहत दायर की याचिका

अरोड़ा ने हाईकोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत अगर किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे, तो वे पेंशन के अयोग्य हो जाते हैं। अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने भी पेंशन रोकने के लिए याचिका दायर की थी।

विधानसभा में खारिज हो चुकी याचिका

हालांकि, विधानसभा सचिव ने अपने फैसले में कहा कि ये पूर्व विधायक वेतन-भत्ते एवं पेंशन एक्ट के तहत पेंशन के हकदार हैं। इनकी सदस्यता न तो कभी दल बदल कानून के तहत रद्द की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया। वहां से याचिका खारिज होने के बाद याची ने हाईकोर्ट की शरण ली।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular