Wednesday, April 2, 2025
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हरियाणा के 10 नए मेयर आज शपथ लेंगे: इनमें 9 भाजपा, एक निर्दलीय; चेयरमैन-पार्षदों का भी शपथग्रहण, CM भी मौजूद रहेंगे – Haryana News


हरियाणा में इस बार 10 में से 7 महिलाएं मेयर चुनी गईं हैं।

हरियाणा में 12 मार्च को निकाय चुनाव जीते उम्मीदवार आज शपथग्रहण करेंगे। इसके लिए पंचकूला में राज्यस्तरीय शपथग्रहण समारोह रखा गया है। जिसमें CM नायब सैनी और स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल भी मौजूद रहेंगे।

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इस समारोह में 10 नगर निगमों के मेयर, 28 नगर पालिका-परिषद के चेयरमैन और 687 वार्डों के पार्षद या मेंबर को शपथ दिलाई जाएगी। प्रदेश में पहली बार है, जब इस तरह से समारोह कराया जा रहा है। इससे पहले निगम या परिषद में जिले के डिप्टी कमिश्नर शपथग्रहण करा देते थे।

पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में कराए जा रहे कार्यक्रम के अनुसार सभी को मंगलवार सुबह 10 बजे शपथ दिलाई जाएगी। इस समारोह में सभी मंत्रियों, सांसदों व विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है।

BJP ने 10 में से 9 निगमों में मेयर चुनाव जीता था प्रदेश में 9 नगर निगमों के लिए 2 मार्च को वोटिंग हुई थी। पानीपत नगर निगम में वार्डबंदी में देरी के चलते 9 मार्च को मतदान हुआ था। 12 मार्च को सभी जगह के नतीजे एक साथ आए थे। जिनमें भाजपा ने हिसार-गुरुग्राम समेत 9 नगर निगमों में मेयर चुनाव जीता था। मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतीं, हालांकि उन्हें भी भाजपा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत का समर्थक माना जाता है।

किस निगम में कौन बना मेयर, वार्डवाइज पार्टियों की क्या स्थिति रही…

  • हिसार: यहां भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। भाजपा के उम्मीदवार प्रवीण पोपली मेयर बने हैं। वहीं वार्ड पार्षदों के चुनाव में भाजपा ने 20 में से 17 वार्डों पर जीत हासिल की। 2 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते जबकि कांग्रेस एक ही वार्ड से पार्षद का चुनाव जीत पाई।
  • गुरुग्राम: यहां से BJP की उम्मीदवार राज रानी मल्होत्रा नई मेयर बनी हैं। वहीं वार्ड मेंबरों के चुनाव में भाजपा ने यहां से कुल 36 वार्डों में 24 में जीत हासिल की है। वहीं 10 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव जीता। कांग्रेस और जजपा को 1-1 सीट पर ही जीत मिल पाई है।
  • रोहतक: यहां से भाजपा उम्मीदवार रामअवतार वाल्मीकि ने मेयर चुनाव जीता। 22 वार्ड वाले निगम में भाजपा के 14, कांग्रेस के 2 और 6 निर्दलीय पार्षद चुने गए थे। रोहतक को पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है। शहर से विधायक भी कांग्रेस के बीबी बत्रा हैं लेकिन पार्टी को हार मिली।
  • पानीपत: यहां से भाजपा की उम्मीदवार कोमल सैनी ने चुनाव जीता था। पानीपत नगर निगम में कुल 26 वार्ड हैं। इनमें से 23 वार्डों के मेंबर पद पर बीजेपी को जीत मिली है। वहीं, 3 वार्डों से निर्दलीय विजयी हुए। कांग्रेस यहां खाता नहीं खोल पाई थी।
  • मानेसर: यहां पहली बार निगम चुनाव था। जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीतीं। 20 वार्ड वाले मानेसर नगर निगम में BJP के 7 मेंबर विजयी हुए। वहीं 13 निर्दलीय मेंबर जीते हैं। यहां 20 वार्ड हैं।
  • फरीदाबाद: यहां बीजेपी ने इतिहास रच दिया। यहां के पार्टी उम्मीदवार प्रवीण जोशी ने अभी तक सबसे ज्यादा अंतरों से जीत रिकॉर्ड बना दिया। यहां 46 वार्ड हैं। इनमें से 40 वार्डों से बीजेपी समर्थित मेंबरों ने जीत दर्ज की है। वहीं एक पर कांग्रेस ने और पांच वार्डों में निर्दलीय ने चुनाव जीता है।
  • अंबाला: यहां सिर्फ मेयर का उपचुनाव हुआ था। जिसमें भाजपा की उम्मीदवार सैलजा सचदेवा ने चुनाव जीता। यहां की मेयर रहीं शक्तिरानी शर्मा ने भाजपा में शामिल होकर 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ा और वह विधायक बन गईं थीं।
  • सोनीपत: यहां से भाजपा उम्मीदवार राजीव जैन ने मेयर का उपचुनाव जीता। यहां पहले कांग्रेस के मेयर निखिल मदान थे। 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन की और विधानसभा चुनाव जीतकर सोनीपत से विधायक बन गए।
  • यमुनानगर: यहां से भाजपा की सुमन बहमनी ने मेयर चुनाव जीता। 22 वार्ड वाले इस नगर निगम के 21 वार्डों में भी भाजपा के ही उम्मीदवार जीते। एक वार्ड में निर्दलीय को जीत मिली। कांग्रेस का यहां खाता भी नहीं खुला।

निकाय चुनाव के नतीजों से जुड़ी 10 रोचक बातें

1. तीन उम्मीदवार 1-1 वोट से चुनाव जीते

  • कैथल की सीवन नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 में बेअंत कौर मात्र 1 वोट से जीतीं हैं। उन्हें 173 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी रवि कुमार को 172 वोट मिले।
  • खरखौदा नगर पालिका के वार्ड 9 में संजय पंवार ने केवल 1 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें 484 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी संदीप को 483 वोट मिले।
  • लोहारू नगर पालिका के वार्ड नंबर 13 में उम्मीदवार अजय शर्मा एक वोट से जीते। उन्हें 271 और दूसरे स्थान पर रहने वाले सुशील कुमार को 270 वोट मिले।
बेअंत कौर जो सीवन नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 से मात्र एक वोट से जीतीं।

बेअंत कौर जो सीवन नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 से मात्र एक वोट से जीतीं।

2. मंत्री के जीजा और पीए की पत्नी पार्षद बनीं पानीपत निगम के वार्ड नंबर 7 से पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार के जीजा अशोक कटारिया तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते। यहां वार्ड नंबर 2 से प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के PA अनिल शर्मा की पत्नी काजल शर्मा ने पहला चुनाव लड़ा और जीतकर पार्षद बन गईं।

3. झज्जर में दंपती, महेंद्रगढ़ में ससुर-बहू को जीत मिली बेरी नगर पालिका में 2 वार्डों से पति और पत्नी ने चुनाव लड़ा। दोनों ही जीत गए। प्रवीण कुमार ने वार्ड नंबर 8 और उनकी पत्नी ऊषा ने वार्ड 10 से चुनाव जीता। प्रवीण कुमार की यह लगातार तीसरी जीत रही। वहीं महेंद्रगढ़ जिले की कनीना नगर पालिका में ससुर और बहू ने चुनाव लड़ा। बहू डॉ. रिंपी कुमारी ने चेयरपर्सन का चुनाव जीता जबकि उनके ससुर राजेंद्र सिंह भी पार्षद का चुनाव जीत गए। वहीं एक और परिवार से दपंती ने चुनाव लड़ा। इसमें पति दीपक वार्ड 2 से जीत गए लेकिन उनकी पत्नी सुमन चौधरी चेयरपर्सन का चुनाव हार गईं।

बेरी नगर पालिका के 2 वार्डों से पार्षद चुनाव जीते प्रवीण कुमार और उनकी पत्नी को जीत का सर्टिफिकेट देतीं SDM रेणुका नांदल।

बेरी नगर पालिका के 2 वार्डों से पार्षद चुनाव जीते प्रवीण कुमार और उनकी पत्नी को जीत का सर्टिफिकेट देतीं SDM रेणुका नांदल।

4. कांग्रेस की हार पर कांग्रेसियों ने ही गोभी के पकौड़े बांटे सिरसा नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही खुशी मनाई। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गोभी के पकौड़े बांटे। इसके लिए हलवाई बुलाया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को पार्टी की गोभी खोदने वाला बताया था। इसके बाद से स्थानीय कांग्रेसी नेता नाराज रहे और चुनाव प्रचार में नजर नहीं आए।

सिरसा में कांग्रेस की हार पर पार्टी के वर्कर गोभी के पकौड़े बांटते हुए।

सिरसा में कांग्रेस की हार पर पार्टी के वर्कर गोभी के पकौड़े बांटते हुए।

5. फरीदाबाद: एक ही परिवार के 3 सदस्य पार्षद बने फरीदाबाद में एक ही परिवार के 3 सदस्य पार्षद चुनाव जीत गए। इनमें वार्ड 42 से दीपक यादव, वार्ड 43 से उनकी पत्नी रश्मि यादव और वार्ड 40 से उनके भाई पवन यादव को जीत मिली। तीनों ने ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था। तीनों को एक ही चुनाव चिन्ह हवाई जहाज मिला था।

फरीदाबाद में एक ही परिवार के 3 सदस्यों ने पार्षद चुनाव जीता।

फरीदाबाद में एक ही परिवार के 3 सदस्यों ने पार्षद चुनाव जीता।

हरियाणा में निकाय चुनाव से जुड़ी 3 अहम बातें

  • 1. संविधान में पार्षद शब्द नहीं: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के मुताबिक हरियाणा में पार्षद का पदनाम नहीं होता। जीत के सर्टिफिकेट में भी सदस्य ही लिखा होता है। इसके उलट दूसरे राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि में इन्हें पार्षद का पदनाम दिया जाता है। उनके म्यूनिसिपल कानूनों में इसका उल्लेख है। हरियाणा के कानून में इसका जिक्र नहीं है।
  • 2. शपथ के फॉर्मेट पर भी विवाद: भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में शपथग्रहण के फॉर्मेट के मुताबिक हर नव-निर्वाचित सदस्य को अगर वह ईश्वर में आस्था रखने वाला अथवा आस्तिक है, तो वह ईश्वर के नाम से पद की शपथ ले सकता है। अगर वह इस प्रकार ईश्वर की शपथ नहीं लेना चाहता है, तो वह सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान भी कर सकता है। वहीं हरियाणा नगर निगम एक्ट 1994, की मौजूदा धारा 24 (1 ) में दिए गए ओथ फॉर्मेट में केवल ईश्वर के नाम पर ही शपथ लेने का ही उल्लेख है। उसमें उसके एवज में सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान का उल्लेख नहीं है।
  • 3. मेयर चुनाव के लिए निगम एक्ट में 2 प्रावधान: हरियाणा के म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट-1994 में मेयर चुनाव के लिए एक नहीं, बल्कि 2 नियम हैं। सरकार ने हरियाणा म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट-1994 में सितंबर 2018 में संशोधन कर दिया। इसमें यह तय किया गया कि अब मेयर के चुनाव वार्डों के पार्षद नहीं, बल्कि सीधे जनता करेगी। सरकार ने एक्ट में तो संशोधन कर दिया, लेकिन वार्ड पार्षदों के मेयर चुनने के लिए एक्ट में जो धारा 53 थी, उसे नहीं हटाया गया। लीगल एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर पार्षद बहुमत से जनता के चुने मेयर को कोर्ट में चुनौती दे दें तो इससे कानूनी पेंच फंस सकता है।



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