Wednesday, April 23, 2025
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हरियाणा के UPSC टॉपरों की कहानी: रोजाना 12 घंटे तक पढ़ाई, सोशल मीडिया से दूरी; HCS ने भी एग्जाम क्रैक किया – Haryana News


संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से सिविल सर्विस एग्‍जाम 2024 के जारी फाइनल रिजल्ट में हरियाणा का भी दबदबा देखने को मिला है। इसमें 20 युवाओं ने सफलता पाई है। बड़ी बात यह है कि देश में दूसरी रैंक पाने वाली हर्षिता गोयल हरियाणा के हिसार की हैं। वह यहां पै

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वहीं, ऑल इंडिया रैंक (AIR)-9 रहे आदित्य विक्रम अग्रवाल भी हरियाणा में झज्जर के निवासी हैं। इनके अलावा, हरियाणा की 8 अन्य लड़कियों और 12 लड़कों ने इस एग्जाम में रैंक पाई है। इनमें HCS अधिकारी भी शामिल हैं।

आइए जानते हैं कि इन सभी अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास करने के लिए कैसे पढ़ाई की, किन चीजों पर फोकस किया और इनका पारिवारिक बैकग्राउंड क्या है…

सभी टॉपरों के बारे में सिलसिलेवार पढ़ें…

हर्षिता गोयल हरियाणा के हिसार में पैदा होने के बाद पिता के साथ गुजरात में शिफ्ट होने वाली हर्षिता गोयल पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) हैं। वह बीकॉम ग्रेजुएट हैं और सिविल सर्विस के लिए 2 बार कोशिश कर चुकी थीं। अब तीसरे अटेंप्ट में उन्होंने न सिर्फ UPSC क्रैक किया है, बल्कि ऑल इंडिया रैंक (AIR)-2 मिली है।

इस पर हर्षिता को खुद भी विश्वास नहीं हो रहा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि वह जी-तोड़ मेहनत कर रही थीं, लेकिन सोचा नहीं था कि देश में दूसरी रैंक आ जाएगी। उन्होंने बताया है कि उनकी मां का देहांत हो चुका है और पिता एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। पिता ने ही उन्हें सपोर्ट किया और सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित किया।

हर्षिता ने बताया है कि उन्होंने परीक्षा पास करने के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई की। हालांकि, जब उनका मन नहीं होता था तो वह नहीं पढ़ती थीं। साथ ही उन्होंने खुद को सोशल मीडिया फ्रेंडली भी बताया। उन्होंने कहा कि वह इंस्टाग्राम पर हैं, लेकिन यदि किसी को लगाता है कि सोशल मीडिया ध्यान भटकाता है तो इससे दूर ही रहे।

आदित्य विक्रम अग्रवाल झज्जर में बहादुरगढ़ के सेक्टर-2 के रहने वाले आदित्य विक्रम अग्रवाल ने ओवरऑल 9वीं रैंक हासिल की है। आदित्य को यह सफलता पांचवें प्रयास में मिली। इससे पहले 4 प्रयास में वह सफल नहीं हो सके थे। आदित्य कहा- “मैं बहुत खुश हूं। मैंने बहुत संघर्ष किया है, ये मेरा पांचवां प्रयास और तीसरा इंटरव्यू था। जब मैं पिछले 2 प्रयासों में इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाया तो मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैंने मेडिटेशन किया। मेरे माता-पिता और बड़ी बहन ने मेरा बहुत साथ दिया”।

शिवानी पांचाल हरियाणा के पानीपत में रहने वाली शिवानी पांचाल ने भी UPSC की परीक्षा में ऐतिहासिक सफलता पाई है। उन्होंने परीक्षा में ओवरऑल 53वां स्थान हासिल किया है। वह झज्जर में 2024 के बैच की अंडर ट्रेनी HCS भी हैं।

श्रेयक गर्ग सोनीपत के रहने वाले डॉ. श्रेयक गर्ग ने 35वीं रैंक प्राप्त की है। उनके पिता प्रोफेसर आरके गर्ग, दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) मुरथल में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के प्रोफेसर व डीन के रूप में कार्यरत हैं। श्रेयक गर्ग ने महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एमजीआईएमएस) से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। तीसरे अटेंप्ट में उन्होंने परीक्षा क्लियर की।

आकाश गोयल जींद के जनता बाजार में रहने वाले आकाश गोयल ने UPSC में 117वीं रैंक प्राप्त की है। आकाश का पैतृक गांव किठाना (कैथल) है। उनके पिता सतबीर गोयल शामलो के एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं। वह जनता बाजार में जनरल स्टोर की दुकान भी चलाते हैं।

अभिलाष सुंदरम झज्जर जिले में बहादुरगढ़ शहर के नेहरू पार्क में रहने वाले अभिलाष सुंदरम ने 129वीं रैंक हासिल की है। अपने छठे प्रयास में अभिलाष ने यह सफलता पाई है। चौथे प्रयास में 421वीं रैंक हासिल की थी। अभिलाष त्रिवेणी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संचालक एस. श्याम के बेटे हैं। मां संगीता वर्मा त्रिवेणी स्कूल की डायरेक्टर हैं। शुरुआती पढ़ाई अपने स्कूल से की है।

तनवी गुप्ता पंचकूला के सेक्टर-2 की तनवी गुप्ता ने 187वीं रैंक हासिल की है। तनवी का यह पांचवां अटेंप्ट था। पिछली बार वो मात्र एक नंबर से चूक गई थीं। इस उपलब्धि पर परिवार वालों ने कहा कि तनवी शुरू से ही पढ़ाई में मेधावी रही है। उसने पूरे मन से इस परीक्षा की तैयारी की थी।

एकांश ढुल पंचकूला शहर के सेक्टर-12ए के रहने वाले एकांश ढुल ने 295वां स्थान हासिल किया है। एकांश ने पिछली बार 2024 में 342वीं रैंक प्राप्त की थी। इस बार रैंक में भी जबरदस्त सुधार करते हुए 47 पायदान की छलांग लगाई। एकांश पंचकूला से भाजपा नेता कृष्ण ढुल के बेटे हैं। एकांश ने UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग ली, लेकिन उनका मानना है कि आत्म-अध्ययन और अनुशासन ही सफलता की असली कुंजी है। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास बनाए रखें, असफलता से डरें नहीं, बल्कि उससे सीखें।

कनिष्क अग्रवाल फरीदाबाद के सेक्टर 28 में रहने वाले कनिष्क अग्रवाल ने 279वीं रैंक हासिल की है। कनिष्क की एक छोटी बहन है, जो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। पिता पेशे से इंजीनियर हैं और मां गृहिणी हैं। माता-पिता ने बताया कि उनका बेटा शुरू से ही पढ़ने में होशियार था। उसकी इसी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें विश्वास था कि बेटा एक दिन जरूर कामयाब होगा। आज उनके बेटे की मेहनत रंग लाई। वहीं कनिष्क का कहना है कि उन्हें जो भी पद मिलेगा वह अपने पद का सदुपयोग करेंगे।

रजत शर्मा भिवानी जिले के गांव धनाना के रहने वाले रजत शर्मा ने 236वां स्थान हासिल किया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। उनके पिता नरेंद्र शर्मा फतेहाबाद में डीईईओ के पद पर कार्यरत हैं। वहीं चाचा सिविल कोर्ट नारनौल में डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के पद पर कार्यरत हैं। उनकी चाची कीर्ति शर्मा राजकीय महाविद्यालय नारनौल में प्रवक्ता हैं। रजत का भाई नवीन शर्मा गुरुग्राम में डिप्टी लेबर कमिश्नर हैं। मामा भी हरियाणा में IFS अधिकारी हैं। उनके दादा स्वर्गीय टेकचंद शर्मा भी खंड शिक्षा अधिकारी रहे हैं। वहीं उनके फूफा केसी शर्मा नारनौल के अलावा कई जगहों पर जिला उपायुक्त एवं फाइनेंस कमिश्नर रहे हैं।

स्वाति फोगाट चरखी दादरी के गांव मौड़ी की रहने वाली स्वाति फोगाट (27) ने 306वीं रैंक हासिल की है। स्वाति फोगाट इस समय वनस्थली जयपुर से पीएचडी कर रही हैं। उनके पिता रमेश फोगाट रिटायर्ड डीपीई हैं। माता सुदेश देवी गृहिणी हैं। जबकि स्वाति का छोटा भाई जतीन फोगाट नूंह के नल्लहड़ कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है। रमेश फोगाट ने बताया कि स्वाति की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई और बाद में राई स्पोटर्स स्कूल से 12वीं की। कमला नेहरू कॉलेज दिल्ली से जियोग्राफी ऑनर्स में बीए करने के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस से एमएससी जियोग्राफी करने के बाद नेट व जेआरएफ क्वालीफाई किया है। स्वाति ने अपने दादा प्रताप सिंह नंबरदार से प्रेरणा लेकर सिविल सर्विस में जनसेवा करने का फैसला लिया। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद सफलता नहीं मिली तो भी हार नहीं मानी।

अंकिता श्योराण महेंद्रगढ़ की अंकिता श्योराण ने दूसरे प्रयास में बिना किसी कोचिंग के UPSC की परीक्षा में 337वीं रैंक हासिल की है। वह विवाहित हैं। अंकिता का जन्म चरखी दादरी के गांव धनासरी में हुआ था। उनकी शादी महेंद्रगढ़ जिले में हुई है। अंकिता श्योराण ने अपनी दसवीं की पढ़ाई DAV स्कूल महेंद्रगढ़ से और 12वीं की पढ़ाई आरपीएस स्कूल महेंद्रगढ़ से की है।

यश मलिक सिरसा के नगराधीश (सिटी मजिस्ट्रेट) यश मलिक ने 369वीं रैंक हासिल की है। इस उपलब्धि पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है। यश मलिक वर्ष 2023 बैच के एचसीएस अधिकारी हैं, जोकि 10 फरवरी 2025 से सिरसा में तैनात हैं। मूल रूप से वे सोनीपत जिले के गांव ईसापुर खेड़ी के रहने वाले हैं और वर्तमान में करनाल में रह रहे हैं। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री एनआईटी कुरुक्षेत्र से हासिल की है।

आदित्य यादव महेंद्रगढ़ जिला में अटेली मंडी के गांव बेगपुर के रहने वाले आदित्य यादव ने UPSC की परीक्षा में 492वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता आर्मी से रिटायर हैं और फिलहाल हरियाणा पुलिस में महेंद्रगढ़ जिले में ही एसपीओ की पोस्ट पर तैनात हैं। आदित्य की मां नारनौल के एक निजी स्कूल में टीचर हैं। इससे पहले भी आदित्य ने सीडीएस परीक्षा में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। एनडीए परीक्षा भी पास की थी।

जोगेंद्र सिहाग सिरसा के जोगेंद्र सिहाग ने 521वां स्थान प्राप्त किया है। जोगेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपने दादा और छोटे भाई के सपने को पूरा किया। जोगेंद्र सिहाग सिरसा जिले के बनवाला गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता सुरेंद्र चौधरी खेतीबाड़ी करते हैं और माता मैना देवी गृहिणी हैं। छोटे भाई मुकेश की लास्ट ईयर यूपीएससी पेपरों के समय मौत हो गई थी। दादा जगदीश सिहाग की भी प्रारंभिक परीक्षा के दौरान मौत हो गई थी। जोगेंद्र सिहाग ने बताया कि पढ़ाई को छोड़कर कुछ नहीं किया। शाम 7.30 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक पढ़ते थे। बीच में कभी-कभी घंटा या आधा घंटा चाय पी लेते और घूम लेते। सुबह 10 बजे के बाद नाश्ता किया और बाद में सो जाते थे। सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी।

समिता पूंजा कातकंडे कैथल में गुहला की ब्लॉक डेवलपमेंट एंड पंचायत अधिकारी (BDPO) समिता पूंजा कातकंडे ने UPSC की परीक्षा पास की है। उन्होंने 687वीं रैंक हासिल की है। वे महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली हैं। समिता पूंजा ने बताया कि उनकी शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रही है। 2021 में उन्होंने हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा दी थी और इसे पास करके वे HCS अधिकारी के तौर पर गुहला में लगीं। तभी से यहीं पर कार्यरत हैं। उन्होंने ड्यूटी करते हुए 2024 में UPSC के लिए अप्लाई किया था और वे इस प्रयास में सफल हुई हैं। हालांकि इससे पहले भी उन्होंने UPSC के लिए 2020 में ट्राई किया था, लेकिन पहले प्रयास में वे सफल नहीं हो पाई थीं।

अजय फतेहाबाद जिले के गांव ढाणी गोपाल के रहने वाले अजय ने UPSC की परीक्षा में 895वां रैंक प्राप्त किया है। अजय कोलिया फिलहाल फतेहाबाद जिले के ही जाखल ब्लॉक में ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत हैं। वह 6 महीने पहले ही ग्राम सचिव नियुक्त हुए थे। अजय साधारण परिवार से हैं। उनके पिता खेतीबाड़ी करते हैं।

अजय जींद जिले के गांव हसनपुर के अजय ने चौथे प्रयास में 940वीं रैंक हासिल की है। अजय के पिता शमशेर हलवाई हैं, जबकि माता राजबाला गृहिणी हैं। अजय शुरू से ही मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवारजनों के साथ-साथ प्रिंसिपल ममता शर्मा को दिया है। अजय ने बताया कि अच्छी रैंक के लिए वह दोबारा से परीक्षा देगा।



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