हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक कैबिनेट फैसले पर कानूनी पेंच फंस गया है। पानीपत जिले के चुलकाना स्थित श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर के मामलों के प्रबंधन के लिए श्री खाटू श्याम बाबा श्राइन बोर्ड की स्थापना का मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच ग
.
श्री श्याम मंदिर सेवा समिति, चुलकाना धाम ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि समिति को सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना ही मंदिर का प्रबंधन और कब्जा अधिकारियों द्वारा अपने हाथ में ले लिया गया है।
हाल ही में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने चुलकाना धाम से ही अपनी गांव यात्रा का शुभारंभ किया था। फाइल फोटो।
अधिकारियों से हलफनामा मांगा
अदालत चाहती है कि अगली तारीख को जिम्मेदार अधिकारी द्वारा एक विशिष्ट हलफनामा भी दाखिल किया जाए, जिसमें यह खुलासा किया जाए कि जीटी रोड से मंदिर तक जाने वाली सड़क की री-कारपेटिंग पूरी हो गई है या नहीं। मंत्रिमंडल ने तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने तथा तीर्थस्थल की परिसंपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से तीर्थस्थल बोर्ड की स्थापना के लिए विधेयक पारित किया।
1982 से मंदिर समिति देख रही प्रबंधन
अभी तक मंदिर का प्रबंधन देख रही समिति की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि वह 1982 से मंदिर के मामलों का प्रबंधन कर रही है। समिति ने हाईकोर्ट में कहा है कि यह संस्था हरियाणा सोसायटी पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2012 के तहत विधिवत पंजीकृत है, तथा उसने सभी आवश्यक दस्तावेज उपयुक्त प्राधिकारियों को सौंप दिए हैं।
अब सरकार अवैध रूप से मंदिर बोर्ड का गठन कर मंदिर के प्रबंधन और प्रशासन को अपने हाथ में लेना चाहती है।
हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं
हरियाणा में हर साल लोकल और पड़ोसी राज्यों से लाखों श्रद्धालु और तीर्थयात्री विशेष धार्मिक अवसरों पर मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। इसके अलावा, प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। श्री श्याम बाबा मंदिर के अलावा, धाम के परिसर में भगवान हनुमान, भगवान कृष्ण, भगवान बलराम, भगवान शिव परिवार और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।
इन मंदिरों को बन चुका श्राइन बोर्ड
हरियाणा में पिछले कई सालों में सरकार श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, पंचकूला; श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड, गुरुग्राम; श्री कपाल मोचन; श्री बद्री नारायण; श्री मंत्रा देवी; तथा श्री केदार नाथ श्राइन बोर्ड, यमुनानगर की स्थापना करके प्रमुख तीर्थस्थलों का प्रबंधन अपने हाथ में ले चुकी है। हालांकि इन बोर्डों को लेकर कोई विवाद नहीं चल रहा है।