बोर्ड एग्जाम देते और फिर एग्जाम सेंटर से बाहर आते स्टूडेंट्स की फाइल फोटो।
हरियाणा में 10वीं-12वीं बोर्ड के एग्जाम एक महीना चले। 5.22 लाख स्टूडेंट्स ने ये एग्जाम दिए। इस दौरान कुल 599 नकलची पकड़े गए। नकल के सबसे ज्यादा 249 केस नूंह जिले में मिले, जो कुल मामलों का 40% से भी ज्यादा है। यह हाल तब रहा जब एग्जाम के दौरान यहां सबस
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अंबाला और करनाल, 2 जिले ऐसे रहे, जहां नकल का एक भी केस नहीं पकड़ा गया। वहीं, कुरुक्षेत्र में सिर्फ एक ही केस मिला। इसके अलावा, लापरवाही बरतने पर 135 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। हरियाणा स्कूल एजुकेशन बोर्ड की तरफ से ये आंकड़े जारी किए गए हैं।
ग्राफिक्स में देखिए, किस जिले में कितने नकलची पकड़े…
बोर्ड पेपर में नकल से जुड़ी 3 अहम बातें
- बोर्ड पेपरों की ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर विभाग ने 6 प्रमुख केंद्र अधीक्षक, 20 केंद्र अधीक्षक और 109 पर्यवेक्षकों को हटाया। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को भी लिखा गया।
- 10वीं के 6 और 12वीं के 4 परीक्षा केंद्रों की परीक्षा रद्द करनी पड़ी। 2 परीक्षा केंद्रों को शिफ्ट करना पड़ा।
- पेपर के दौरान नकल में शामिल 74 लोगों के खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में 16 FIR दर्ज कराई गईं।


10वीं से लंबे चले 12वीं के पेपर बोर्ड ने 12वीं के पेपर पहले यानी 27 फरवरी से शुरू किए, जो 29 मार्च तक चले। वहीं, 10वीं के पेपर 28 फरवरी का शुरू हुए और 20 दिन में 19 मार्च को पूरे हो गए। इसके लिए कुल 1434 परीक्षा केंद्र बनाए थे। कुल 5.22 लाख स्टूडेंट्स में 10वीं के 2 लाख 93 हजार 746, 12वीं के 2 लाख 23 हजार 713 और डीएलएड के 5,070 स्टूडेंट्स शामिल थे। नकल पकड़ने के लिए 226 फ्लाइंग टीमें बनाई गईं। संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर 588 ऑब्जर्वर और हर जिले में 1 नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया था।