सरपंच पद से हटाया गया सुनील कुमार और उसे हटवाने वाली उसकी पत्नी की फाइल फोटो।
हरियाणा में एक सरपंच को लव मैरिज कर लाई पत्नी से झगड़ा महंगा पड़ गया। पत्नी ने पहले उस पर उत्पीड़न, किडनैपिंग और गर्भपात का केस कराया। इसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और सरपंच पद से भी हटवा दिया।
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सरपंच ने कोर्ट में केस होने की दलील देकर बचने की कोशिश भी की। मगर, हाईकोर्ट की तरफ से सरपंच पद से हटाने के लिए कोई रोक न होने पर डिप्टी कमिश्नर ने उस पर कार्रवाई कर दी।
हिसार के DC अनीश यादव ने हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 पंचायत अधिनियम 51 के तहत उसे सरपंच के पद से बर्खास्त कर दिया। डीसी ने तर्क दिया कि सरपंच पर संगीन धाराओं के तहत केस हैं, जो इस एक्ट में उसे पद से हटाने का अधिकार देता है।
पूरा मामला सिलसिलेवार ढंग से पढ़े…
कोर्ट केस के सिलसिले में मिली पीड़िता सुमन रानी ने बताया कि सुनील उसे एक केस के सिलसिले में मिला। जान-पहचान के दौरान सुनील ने कहा कि वह एक वकील है। हालांकि उसने तब झूठ बोला क्योंकि उस समय वह LLB की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद 2018 में उनके बीच मुलाकातें बढ़ गईं।
2021 में लव मैरिज की, फिर वह सरपंच बन गया सुमन ने आगे बताया– हम एक ही जाति से हैं। सब कुछ देखते हुए उसने सुनील से 2021 में लव मैरिज कर ली। इसके बाद सुनील रायपुर गांव का सरपंच बन गया। शादी के बाद सुनील उसे परिवार से अलग रखने लगा। उसके परिवार को इसकी जानकारी थी। इसके बाद वह धीरे-धीरे मारपीट करने लगा और 15 तोले सोना, कार लाने की बातें करने लगा।
एक साल तक उसे झेलती रही, गर्भपात कराया सुमन ने बताया कि हर लड़की की तरह उसके मन में चाहत थी कि उसका घर बसना चाहिए। वह एक साल तक सबकुछ झेलती रही। इसी दौरान सुनील कुमार ने उसका गर्भपात तक कराया। जब ये सब चीज होने लगी तो उसने हिसार की सिविल लाइन थाने में शिकायत दी।
2022 में सरपंच के खिलाफ केस दर्ज हुआ इस पर सुनील कुमार पर 17 नवंबर 2022 को केस दर्ज हुआ। जिसमें IPC की धारा 498ए, 313, 323, 506, 34 आईपीसी लगाई गई। इसके बाद पत्नी सुमन ने 1 जुलाई 2023 को सिविल लाइन थाने में सरपंच सुनील कुमार और प्रमोद नाम के व्यक्ति पर अपहरण, धमकाने सहित कई धाराओं के तरह केस दर्ज हुआ था।
सरपंच ने हाईकोर्ट की शरण ली, प्रशासन को सबूत नहीं दे पाया2022 में केस दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसमें सरपंच ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। सरपंच की ओर से इस केस को खारिज करने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई जो आज भी विचाराधीन है। नोटिस के जवाब में सरपंच प्रशासन को कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया।
प्रशासन ने दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए बुलाया इसके बाद जिला प्रशासन ने सरपंच और उसकी पत्नी सुमन को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 22 जनवरी 2025 को अपना पक्ष या सुबूत रखने के लिए सुबह 11 बजे बुलाया। दोनों पक्ष सुनवाई में आए। इस दौरान पत्नी सुमन ने कहा कि कानून के अनुसार दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरपंच को पद से बर्खास्त किया जाए क्योंकि उसने जघन्य अपराध किया है। सुमन ने प्रशासन के सामने गर्भपात से संबंधित सबूत भी दिखाए।
सरपंच ने कोर्ट केस की बात कही लेकिन पद से हटाने पर रोक नहीं थी इसके बाद सरपंच से पूछा गया कि आपको कुछ कहना है। इस पर सरपंच ने प्रशासन के सामने हाईकोर्ट में केस की दलील दी। सुनील कुमार ने कहा कि उसके विरूद्ध जो 2022 में केस दर्ज हुआ था, जिसका ट्रायल सेशन कोर्ट हिसार में चल रहा था।
इस पर माननीय हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगाई हुई। प्रशासन ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट ने सरपंच पद से ना हटाने के लिए भी आदेश दिए हैं। इस पर सरपंच ने कहा कि नहीं, ऐसे कोई आदेश नहीं दिए गए। इसके बाद डीसी ने सरपंच को पद से हटाने के आदेश पारित कर दिए।
पत्नी ने इसको लेकर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। इसके बाद सरपंच की पत्नी ने 8 फरवरी 2024 को जिला प्रशासन को शिकायत की थी सरंपच पर आरोप जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बाद भी कई महीने तक पीड़िता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।