रमेश कुमार मामले की जानकारी देता हुआ।
हरियाणा में फैमिली ID के खेल में महेंद्रगढ़ का एक मजदूर फंस गया। जिसमें सरल केंद्र ने मजदूर की सालाना कमाई 1.20 अरब भर दी। इसके बाद सरकारी अधिकारियों ने बाकायदा डबल वैरिफिकेशन के बाद के बाद उसकी इनकम 10 लाख सालाना कर दी। उन्होंने मजदूर का पेशा तक नहीं
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इसके बाद मजदूर को मिलने वाले सारे बैनिफिट बंद हो गए। इसका पता चलने पर परेशान मजदूर DC के समाधान शिविर में पहुंचा। जहां उसने कहा कि मेरी तो कमाई ही 80 हजार सालाना है। इसलिए फैमिली ID में इनकम ठीक की जाए, जिससे मुझे सरकारी स्कीमों का लाभ मिल सके।
रमेश कुमार का घर, जिसमें 2 कमरे हैं। रमेश यहां माता और पत्नी के साथ रहता है।
सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला
मजदूर ने समाधान शिविर में पहुंचा तो खुलासा हुआ महेंद्रगढ़ के जोनावास गांव के रहने वाले रमेश कुमार DC के समाधान शिविर में आवेदन लेकर पहुंचा। रमेश ने कहा कि फैमिली ID यानी परिवार पहचान पत्र (PPP) में उसकी सालाना इनकम 1.20 अरब कर दी गई है। यह गलत है। उसकी सालाना आमदनी तो सिर्फ 80 हजार रुपए है। उसकी आमदनी ठीक की जाए।
मजदूर की इनकम 1.20 अरब कैसे हुई, 3 पॉइंट में जानिए
1. परिवार की सालाना इनकम 1 लाख रुपए तक थी इस बारे में रमेश ने बताया कि उसने पहले फैमिली ID बनाई थी। जिसमें उसके परिवार की सालाना इनकम 1 लाख रुपए तक थी। इस वजह से उसे गरीबी रेखा से नीचे यानी 1.80 लाख सालाना इनकम से कम वाले राशन समेत दूसरे बैनिफिट मिल रहे थे।

रमेश ने बताया कि पहले जब फैमिली ID बनाई थी तब इनकम 1 लाख तक थी।
2.मजदूर संघ के काम से सरल केंद्र गया रमेश ने आगे बताया कि नवंबर–दिसंबर में वह मजदूर यूनियन के रुपए लेने सरल केंद्र पर गया था। वहां 5 साल में 13 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहां जाकर उसने मजदूर यूनियन के लिए फार्म भरा। इस दौरान उसके पास एक OTP आया। जो उसने सरल केंद्र के ऑपरेटर को बता दिया। इसके बाद जनवरी महीने से उसे गरीबी रेखा से नीचे के सरकारी लाभ मिलने बंद हो गए। उसे राशन मिलना बंद हो गया।
3. सालाना इनकम में छेड़छाड़ हुई रमेश ने कहा कि जब उसने इस बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि उसकी इनकम गरीबी रेखा के नीचे यानी 1.80 लाख से ज्यादा है। इस वजह से सरकार ने लाभ देना बंद कर दिया। रमेश ने शक जताया कि सरल केंद्र में ही उसकी फैमिली ID में इनकम में छेड़छाड़ की गई। इसके अलावा उसने कहीं कोई फार्म नहीं भरा और न ही किसी को फैमिली ID खोलने के लिए कोई OTP दिया। रमेश ने कहा कि यहीं पर उसकी इनकम को 1.20 अरब भर दिया गया।
सरकार ने घटाकर 10 लाख कर दी, डबल वैरिफिकेशन का भी झूठा दावा इस मामले में हैरत की बात यह है कि जिसने रमेश की इनकम को क्रॉस चेक किया, उसने ग्राउंड पर कुछ पता नहीं किया। रमेश की फैमिली ID से पता चलता है कि उसकी 1.20 अरब की इनकम को घटाकर सालाना 10 लाख या उससे अधिक कर दिया गया। इसमें दावा भी किया गया कि रमेश की फैमिली इनकम 1.80 लाख से ज्यादा है, इस बारे में लोकल कमेटी और सेक्टर कमेटी से भी चेक करा लिया है।

ग्राउंड पर कुछ पता किए बिना ही रमेश की फैमिली ID में इनकम को 1.20 अरब से घटाकर सालाना 10 लाख या उससे अधिक कर दिया गया।
ADC अप्रूव करेंगे, तभी ठीक होगा इस मामले में सरल केंद्र के एक कर्मचारी ने कहा कि फैमिली ID में कुछ भी जोड़ने-घटाने का अधिकार सरकार ने सीधे लोगों को नहीं दिया है। यह सारा काम सरल केंद्र पर ही होता है। इस मामले में अब मजदूर को ADC से अप्रूवल लेनी होगी। वहां से परमिशन के बाद ही सरल केंद्र के जरिए फैमिली ID में इनकम ठीक होगी।
सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा- जांच करेंगे इस बारे में समाधान शिविर में पहुंचे नारनौल के सिटी मजिस्ट्रेट (CTM) मनजीत कुमार ने कहा कि इस बारे में संबंधित अधिकारियों को आवेदन भेजकर ठीक करा दिया जाएगा।
नारनौल में भी महिला की उम्र 125 दिखा चुके महेंद्रगढ़ के ही नारनौल में महिला की उम्र में गड़बड़ी का मामला सामने आ चुका है। फैमिली ID में अधिकारियों ने 58 साल की एक महिला की उम्र 125 साल की दिखा थी। वहीं उसके पति की उम्र 60 साल दिखाई। नारनौल में मोहल्ला खड़खड़ी के रहने वाले श्याम सुंदर ने बताया कि उसका जन्म 17 मई 1965 दर्शाया गया है। जिस हिसाब से उसकी उम्र 60 साल बताई गई है। मगर, उनकी पत्नी की उम्र 125 साल दर्ज कर दी गई। जिसमें पत्नी का जन्म 1 जनवरी 1900 दर्ज कर दी गई। जिसे ठीक कराने के लिए उन्हें अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।