हरियाणा के जींद में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में आई बालियां।
हरियाणा में समय से पहले ठंड कम हो चली है। दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में किसानों की मुश्किल बढ़ सकती हैं। कुछ दिनों में यदि बारिश नहीं हुई और दिन का तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगेती गेहूं की फसल समय से पहले पक जाएगी और गेहूं के उत्प
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हरियाणा में इस बार करीब 37 लाख एकड़ में गेहूं की बिजाई की गई है। इसमें से कुछ फसल की बिजाई अगेती की गई, जो गर्मी बढ़ने के साथ पकने लगी है। इस समय हरियाणा में रात और दिन के तापमान में करीब 13 से 15 डिग्री तक का अंतर है। इस कारण गेहूं की बालियां सुनहरी होने लगी हैं।
बड़ी बात यह है कि इस बालियों में अभी ठीक से गेहूं का दाना नहीं पनपा। किसानों की चिंता का कारण यही है। यदि फसल पहले पक गई तो दाना पतला और हल्का रहेगा।
खेतों में खड़ी गेहूं की फसल, जिस पर बालियां आ चुकी हैं।
यह समय सरसों के लिए अनुकूल कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुभाष चंद्र बताते हैं कि जनवरी और फरवरी में तापमान ज्यादा होने पर गेहूं की बालियां प्री-मेच्योर हो जाती हैं। इससे किसानों को सीधा नुकसान होता है। इस समय मौसम सरसों की फसल के अनुकूल है, लेकिन गेहूं की फसल के अनुकूल नहीं है।
गेहूं की फसल में पीला रतुआ आने की आशंका है। इसलिए, किसान प्रतिदिन अपनी फसल की देखरेख करते रहें और रतुआ की शिकायत आते ही तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क कर उचित दवा का छिड़काव करें। पीला रतुआ गेहूं की फसल पर हल्दी की तरह जम जाता है, जो पौध तक सही खुराक नहीं पहुंचने देता।

बारिश हुई तो मिलेगी राहत डॉ. सुभाष चंद्र बताते हैं कि 29 से 31 जनवरी के बीच कुछ जिलों में हल्की से सामान्य बारिश के आसार बन रहे हैं। अगर सामान्य बारिश होती है तो किसानों को फायदा होगा। इससे तापमान में कमी आएगी और गेहूं की बालियों में ग्रोथ ठीक होगी। बालियां समय से पहले नहीं पकेंगी और इनके अंदर का दाना अच्छी तरह बढ़ेगा। 15 नवंबर से पहले की बिजाई गेहूं अगेती किस्म की हैं।
