हरियाणा में 5 नए जिले बनाने का फैसला लटक सकता है। इसके पीछे 4 वजहें हैं, जिनमें से जातिगत जनगणना प्रमुख है। नए जिलों को बनाने का काम सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी को दिया है। कमेटी ने इसे लेकर 15 जून, 2025 को लास्ट मीटिंग बुलाई है, जिसमें नए जिलों के निर
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प्रदेश में अभी 22 जिले हैं। जिन नए जिलों को बनाने की तैयारी है, उनमें हिसार का हांसी, सिरसा का डबवाली, करनाल का असंध, जींद का सफीदों और सोनीपत का गोहाना शामिल है। इनमें हांसी और डबवाली पहले ही पुलिस जिले बनाए जा चुके हैं।
इसके अलावा गुरुग्राम के मानेसर को भी जिला बनाने की मांग उठी है। हालांकि, इसके पूरे दस्तावेज न पहुंचने से इस पर अगली बैठक में फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में नए डिवीजन, सब डिवीजन और तहसीलों के प्रस्ताव पर भी इसी मीटिंग में चर्चा होगी।
विस्तार से जानिए, नए जिलों का फैसला लटकने की 4 वजहें…
1. जाति जनगणना : हरियाणा के नए जिलों के बनने में देरी की सबसे बड़ी वजह जाति जनगणना हो सकती है। केंद्रीय कैबिनेट की हाल ही में हुई मीटिंग में फैसला लिया गया है कि जल्द ही जाति जनगणना शुरू की जाएगी। जबकि, हरियाणा सरकार की ओर से नए जिलों के गठन को लेकर बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल 30 जून तक ही है। यदि इस कार्यकाल के दौरान सरकार नए जिलों को लेकर फैसला नहीं लेती है तो यह मामला लटक जाएगा। हालांकि, इस कमेटी के कार्यकाल का पहले भी विस्तार किया जा चुका है, जो कि फिर से भी किया जा सकता है।
2. नए पैरामीटर : सूबे के नए जिलों के बनने में देरी का दूसरा संभावित कारण नए पांचों शहर नए जिलों के पैरामीटर में फिट नहीं बैठते। इसकी पुष्टि कैबिनेट सब कमेटी खुद कर चुकी है। कमेटी के चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार कह चुके हैं CM नायब सिंह सैनी के निर्देश पर प्रदेश में नए जिले, तहसील, उप-तहसील के संबंध में सब-कमेटी बनी है। इनके गठन के लिए सब-कमेटी ने कुछ नियम भी तय किए गए हैं। इन नियमों पर अभी संभावित जिले फिट नहीं बैठ रहे हैं।

3. इलेक्शन : नए जिले बनाने का काम सरकार राजनीतिक दृष्टि से करती है। हरियाणा में अभी न ही विधानसभा चुनाव होने हैं और न ही लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में नए जिले बनाने का लाभ सरकार को नहीं मिलेगा और न ही वह इसे चुनाव में भुना पाएगी। हरियाणा में बीजेपी की सरकार का तीसरा टर्म है, लेकिन इन तीनों टर्म में सरकार ने कोई भी नया जिला नहीं बनाया है। इस कारण सरकार जब भी इसे लेकर कोई फैसला लेगी तो इसके पीछे का कारण चुनाव हो सकता है।
4. DC की रिपोर्ट : नए जिलों को बनाने के लिए कैबिनेट सब कमेटी की कोई भी सिफारिश से पहले जिलों के डीसी को रिपोर्ट भेजनी है। कमेटी ने भी 10 दिन पहले हुई मीटिंग में संबंधित जिलों के डीसी से रिपोर्ट तलब की है। यह रिपोर्ट कमेटी की 15 जून को होने वाली मीटिंग से पहले ही डीसी को भेजनी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अभी तक यह रिपोर्ट जिलों से कमेटी तक नहीं पहुंची है। रिपोर्ट के बिना कमेटी कोई भी जिलों को लेकर नया फैसला नहीं लेगी।

कमेटी की अब तक 5 मीटिंग हो चुकीं नए जिले बनाने को लेकर सब-कमेटी की अब तक 5 बैठकें हो चुकी हैं। इसमें जिलों से आई डिमांड की स्टडी के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं। कैबिनेट सब-कमेटी की पूर्व में हुई बैठकों में फैसला लिया जा चुका है कि हरियाणा में नए जिले, उपमंडल, उप-तहसील और नई तहसीलें बनाने के लिए उपायुक्तों की सिफारिश जरूरी है।
ब्लॉक समिति के लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायक, नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव अनिवार्य किया गया है। अगली बैठक 15 जून को होनी है, जिसमें नए जिलों के निर्माण की अंतिम रिपोर्ट तैयार कर सरकार के पास भेजी जाएगी। यदि इस बैठक में कोई निर्णायक फैसला नहीं हुआ तो नए जिले बनने का मामला खटाई में पड़ सकता है।
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