Sunday, June 15, 2025
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हरियाणा BJP की मांग-चुनाव तारीख बदले आयोग: चिट्‌ठी में बिश्नोई समाज के धार्मिक कार्यक्रम का हवाला; इनके 7 सीटों पर करीब एक लाख वोटर – Hisar News


हरियाणा BJP के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों में फेरबदल करने की मांग की है। इसको लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने केंद्रीय चुनाव आयोग को चिट्‌ठी भेजी है। जिसमें उन्होंने चुनाव की तारीखों में बदलाव के लिए वीकेंड में 4 छुट

.

वहीं इसके पीछे भाजपा का वोटिंग प्रतिशत गिरने का डर माना जा रहा है। भाजपा का मानना है कि जब-जब वोटिंग प्रतिशत गिरता है तो उन्हें नुकसान होता है।

इसके अलावा, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए।

चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा में चुनाव का ऐलान किया था। 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।

मोहन लाल बड़ौली के लेटर की 3 अहम बातें…

1. छुटि्टयां होने के चलते लोग घूमने चले जाते हैं
मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में लिखा कि चुनाव की तारीखों को बदला जाए, क्योंकि यह छुट्‌टी का समय होता है और काफी लोग बाहर चले जाते हैं। 28 तारीख को शनिवार और 29 तारीख को रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। वहीं 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है। ऐसे में लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं।

2. बिश्नोई समाज का धार्मिक कार्यक्रम
इसके अलावा बिश्नोई समाज का धार्मिक कार्यक्रम भी है। 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी जो 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।

3. वोटिंग पर असर पड़ेगा
बड़ौली ने कहा कि इसका असर वोटिंग पर पड़ेगा। इससे वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होगी। चुनाव आयोग की भी प्राथमिकता होती है कि 100 प्रतिशत मतदान हो। इसलिए चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाया जाए ताकि वोटिंग प्रतिशत बढ़ सके।

राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज मेला लगता है।- प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज मेला लगता है।- प्रतीकात्मक तस्वीर

भाजपा के लिए बिश्नोई समाज क्यों जरूरी…
बिश्नोई समाज का हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिले में अच्छा प्रभाव है। कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में आने के बाद बिश्नोई समाज का अधिकतर वोट बैंक भाजपा में शिफ्ट होने की उम्मीद है। सिरसा, डबवाली, फतेहाबाद, हिसार, आदमपुर, नलवा, बरवाला विधानसभा में बिश्नोई समाज के काफी वोटर हैं।

हिसार लोकसभा में करीब 48 हजार और सिरसा में 51 हजार बिश्नोई समाज के वोट हैं। पार्टियों का मानना है कि बिश्नोई समाज का वोटर हमेशा एकजुट रहता है। इसलिए बिश्नोई समाज के वोट को निर्णायक वोट माना जाता है।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की तरफ से मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा गया लेटर।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की तरफ से मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा गया लेटर।

इस बार वोटिंग प्रतिशत घटा, 5 सीटें जीत पाए
लोकसभा चुनाव में देखा गया है कि भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने से नुकसान होता है। इस बार लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटने से भाजपा को नुकसान हुआ। इस बार 65 फीसदी वोटिंग हुई, यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम। इसमें भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले, वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 43.73% रहा।

2019 में हरियाणा में 70.34 फीसदी मतदान हुआ था। जिसमें भाजपा को 58.2 फीसदी वोट हासिल हुए और भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस 28.5 फीसदी पर ही आकर सिमट गई। इसी तरह 2014 में जब 71.45 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा को सात सीटें मिलीं और वोट शेयर 34.8 फीसदी रहा।



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