हरियाणा एमबीबीएस के इस घोटाले को लेकर कांग्रेस नेता सरकार पर हमलावर हैं।
हरियाणा के पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (UHSR) में एमबीबीएस परीक्षा घोटाला सामने लाने वाले स्टूडेंट पर हमला होने के आसार हैं। ऐसा इनपुट मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है और उसके सिक्योरिटी देने की तैयारी कर रही है। शिकायत करने वाल
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इधर स्टेट क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (CID) के एक्टिव होने के बाद जिला प्रशासन ने यूएचएसआर से अपनी जांच में तेजी लाने और मामले पर त्वरित कार्रवाई के लिए जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड खंगाल रही पुलिस
इस घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड पुलिस खंगाल रही है। इस मामले में यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों रोशन लाल और रोहित को पहले ही निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन आउटसोर्स कर्मचारियों दीपक, इंदु और रितु की सेवाएं जांच लंबित रहने तक समाप्त कर दी गई हैं।
रोहतक के डीसी धीरेन्द्र खडगटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने मिनी सचिवालय में कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की और जांच से संबंधित अद्यतन जानकारी पर चर्चा की।
CID तलब कर चुकी रिपोर्ट
हरियाणा में सामने आए MBBS परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगा। CID हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है।इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के MBBS-MD परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है।
यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं।
जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने…
1. सेंटर से बाहर भेजते थे उत्तर पुस्तिकाएं
एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है।
2. ऑनलाइन भी रुपए लेते थे कर्मचारी
MBBS एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है।
3. 3 मेंबरी कमेटी करेगी जांच
मामले की जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी गठित की गई है। करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ एमके गर्ग के नेतृत्व में समिति कल (17 जनवरी) को अपनी जांच शुरू करेगी। सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा। इस घोटाले में परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय से उत्तर पुस्तिकाएं चुराना शामिल था।
छात्रों ने मूल सामग्री को मिटाने के बाद कथित तौर पर अपने उत्तर फिर से लिखे। उन्होंने लिखने के लिए मिटाने योग्य स्याही-पेन का इस्तेमाल किया और बाद में हेयर ड्रायर का उपयोग करके सामग्री को मिटा दिया गया।
4. दूसरे एग्जाम में भी घोटाले के सबूत मिले
हरियाणा के इस एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे।
2 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके, 3 की सेवाएं रोकीं
PGIMS के जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज वरुण अरोड़ा ने बताया कि 5-6 दिन पहले कुछ दस्तावेज और वीडियो के साथ शिकायत मिली थी। जिसमें MBBS परीक्षा में कुछ धांधलियों और खामियों को उजागर किया गया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितु की सेवाओं पर रोक लगा दी।
यहां पढ़िए इस मामले में कांग्रेस के नेताओं ने क्या कहा?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक पीजीआईएमएस में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हरेक काम, हरेक क्षेत्र, हरेक परियोजना और हरेक पेपर में घोटाले करना बीजेपी सरकार की पहचान बन चुकी है। घोटालों की कड़ी में अगला नाम रोहतक विश्वविद्यालय एमबीबीएस पेपर का है। इसे देखकर पता चलता है कि बीजेपी ने प्रदेश के पूरे स्वास्थ्य तंत्र को खोखला बना दिया है।
इतने बड़े गड़बड़झाले को देखकर लगता है कि इस घोटाले को अंजाम देने में पूरा तंत्र काम कर रहा था। चंद छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके सरकार इस पूरे घोटाले को दबाना चाहती है। जबकि पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
सुरजेवाला बोले, घोटाला सामने आने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार पर सवाल उठाए थे। सुरजेवाला ने लिखा, “अब MBBS का भी पेपर लीक..। भाजपा सरकार ने हरियाणा को अब कुख्यात ‘पेपर लीक फैक्ट्री’ बना दिया है।