सनी गुप्ता, संभल1 मिनट पहले
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संभल के भागीरथ तीर्थ रायसत्ती मंदिर पर खंडित प्रतिमा।
संभल के रायसत्ती माता का थान पर भगवान भोलेनाथ की खंडित प्राचीन प्रतिमा मिली है। जो हज़ारों साल पुरानी बताई जाती है। मंदिर परिसर की देखरेख करने वाली महिला ने बताया कि उनकी ददिया ससुर इसे हरिहर मंदिर से लेकर आए थे। वहां किसी ने इसे तोड़कर डाल दिया था। शादी होने के बाद जब मैं आई तभी से ऐसा देख रही हूं और उन्हीं से मैंने यह सुना था।
संभल की जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर (विवादित ढांचा) विवाद मामले में नया मोड़ सामने आया है। संभल के थाना नखासा क्षेत्र के रायसत्ती भागीरथ तीर्थ मंदिर हज़ारों वर्षों पुरानी खंडित भगवान शिव की प्राचीन प्रतिमा मिली है। इसे हरिहर मंदिर से जुड़ी प्रतिमा बताया जा रहा है। हालांकि कितने वर्षों पुरानी है, यह तो क्लियर नहीं है। कार्बन डेटिंग होने के बाद ही क्लियर हो पाएगा, कितनी पुरानी है।

कुंड का पानी सूख जाने से झाड़ी हो गयी है।
माता सती प्राचीन मंदिर है, श्रद्धालु पूजा करने के लिए आते हैं, यहीं भागीरथी तीर्थ कुंड बना है। जिसमें वर्षों पहले स्नान होता था। लेकिन गंदा नाले का पानी आने के बाद कुंड का पानी सूख गया। कुंड में अब पानी नहीं, बल्कि झाड़-झंकार है। बताते हैं कि यहां स्नान करने से कोड रोग से मुक्ति मिलती थी।

संभल के थाना नखासा क्षेत्र के रायसत्ती भागीरथ तीर्थ मंदिर बना हुआ है।
आपको बता दें कि संभल में 68 तीर्थ 19 कूप है। प्रशासन सभी देवतीर्थ को तलाश कर रहा है। प्रशासन की खोज में अभी तक जितने भी देख तीर्थ मिले हैं। उनके संरक्षण के लिए योजना बननी शुरू हो गई है। शहरी क्षेत्र में नगर पालिका एवं मुख्यमंत्री बंधन योजना के अंतर्गत उनका जीर्णोद्धार होगा।

रायसत्ती भागीरथ तीर्थ मंदिर में मूर्ति।
कुंड की सीढ़ियां टूट गई
सर्वेश रानी ने बताया यह भागीरथी तीर्थ है। यहां शिवजी का मंदिर है। इस कुंड में भक्त नहाया करते थे। लेकिन इसकी सीढ़ियां टूट गई। इसका पानी भी सूख गया है। यह काफी समय से क्षतिग्रस्त है। यह तो भागीरथ है और एक तीर्थ है। जो टूट गया है। इसकी जिम्मेदारी हमारी है। हमारा अकेला घर है। इसमें पहले जल भरा हुआ था। लेकिन अब नहीं है। यह अपने आप ही खुद ही सूख गई है।

संभल के थाना नखासा क्षेत्र के रायसत्ती भागीरथ तीर्थ मंदिर।
यहां शिवजी की हजारों साल पुरानी मूर्ति है। जो हमारे चचेरे ससुर थे। वहीं उठाकर लाए थे। हमने तो इसको ऐसे ही देखा है। यह मूर्ति हरिहर मंदिर से लाए थे। यह जो खंडित है, वह ऐसे ही आधी कटी हुई लाए थे। इसका आधा हिस्सा नहीं है। जैसे किसी ने फेंक दी होगी। वहां पर या कभी लड़ाई हुई होगी, तो वह इसे उठाकर ऐसे ही ले आए थे। तब से ऐसे ही रखी है। हमने तो हिफाजत से ऐसे ही रखी हुई है। ऐसे ही अच्छी है और यहीं पर रखी है।