मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने बुधवार को अपने दूसरे बजट में विकास और सामाजिक कल्याण से जुड़ी एक दर्जन से ज्यादा नई योजनाओं का ऐलान किया है। इनमें सीएम समृद्धि परिवार योजना, मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना, सीएम केयर योजना, मुख्यमंत्री सुगम परिव
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साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए स्वास्थ्य एवं आंगनवाड़ी की एकीकृत अधोसंरचना, निजी-निवेश से संपत्ति का निर्माण, मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना, क्षतिग्रस्त पुलों का निर्माण योजना शामिल हैं। इनमें से कई योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान भी किया है। पढ़िए सात बड़ी योजनाओं का किस तरह से आम लोगों को फायदा मिलेगा।
सिलसिलेवार जानते हैं योजनाओं के बारे में…
1. सीएम केयर योजना: मेडिकल कॉलेजों में कैंसर का इलाज इस योजना में गंभीर बीमारियों से पीड़ित नागरिकों को नजदीकी मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब और कैंसर उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही प्रदेश में अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
2. सीएम समृद्ध परिवार योजना: एक योजना नहीं, पूरा पैकेज मिलेगा वित्त मंत्री ने बजट भाषण में मुख्यमंत्री समृद्ध परिवार योजना शुरू करने का ऐलान किया है। ग्रामीण विकास विभाग के अफसर के मुताबिक योजना तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को अब एक या दो योजनाओं की बजाय, उनके जरूरत के हिसाब से कई योजनाओं का पैकेज दिया जाएगा।
इससे सरकार का पैसा भी सही जगह इस्तेमाल होगा और इससे फायदा मिलेगा। योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
3. मुख्यमंत्री वृदांवन ग्राम योजना: 313 गांव बनेंगे विकास का मॉडल डॉ. मोहन सरकार विकसित गांव का मॉडल तैयार करने के लिए एक नवाचार करने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री वृदांवन ग्राम योजना शुरू की जा रही है। सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस योजना के तहत प्रदेश के 313 ब्लॉक के एक गांव का चयन कर 313 वृंदावन ग्राम का गठन किया जाएगा।
जिसके तहत इस गांव को खेती के लिहाज से समृद्ध और विकसित बनाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जाएंगे।

4. विवेकानंद युवा शक्ति योजना: हर विधानसभा में बनेगा स्टेडियम विवेकानंद युवा शक्ति योजना के अंतर्गत हर विधानसभा में स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से युवाओं के कौशल विकास और खेलों के विस्तार में मदद मिलेगी। सरकार द्वारा इस योजना के लिए लगभग 25 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
इसके अलावा सरकार ने परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने हेतु “परंपरागत खेल प्रोत्साहन” योजना शुरू करने का भी ऐलान किया है। इस योजना से कुश्ती, तीरंदाजी, गदा, कबड्डी, खो-खो, गिल्ली-डंडा, शतरंज, पटक और कंचे जैसे खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
राज्य में इस समय 7 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 18 अंतरराष्ट्रीय हॉकी टर्फ के साथ 114 खेल स्टेडियम हैं और 5 नए सिंथेटिक ट्रैक, 56 नए खेल स्टेडियम और 9 नए अंतरराष्ट्रीय हॉकी टर्फ बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
5. मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा: शहर की बसें हर गांव तक जाएंगी सरकार ग्रामीण नागरिकों को सस्ता और सुलभ परिवहन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा योजना शुरू करने जा रही है। जिसके मुताबिक हर शहर से उस जिले के हर गांव तक बस का संचालन होगा। वर्तमान में शहर और ग्रामीण इलाकों के बीच बहुत कम संख्या में बसें चलती हैं।
इंटरसिटी बसें उन ब्लाक व गांवों तक पहुंचती है, जो उसके रूट में पड़ते हैं, लेकिन अब प्रदेश के हर गांव को शहर से जोड़ने का प्लान बनाया जा रहा है। इस योजना के लिए बजट में इसके लिए 20 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। परिवहन विभाग इसका ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।

6. जिला विकास सलाहकार समिति: जिले के विकास का रोडमैप तैयार होगा डॉ. मोहन सरकार अब व्यवस्था के विकेंद्रीकरण के लिए जिला विकास सलाहकार समिति का गठन करने जा रही है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हर जिले में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। समिति में जिले के प्रभारी मंत्री उपाध्यक्ष तथा समाज के विभिन्न अंगों व संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। इनकी संख्या 10 से 20 होगी।
यह समिति जिले की प्राथमिकता के आधार पर विकास योजना का रोडमैप तैयार करने का काम करेगी। ऐसे विकास काम जिन पर निर्णय जिला स्तर पर ही लिया जा सकता है, उन पर समिति ही अंतिम निर्णय कर लेगी। अब हर तीन महीने में समिति की बैठक होगी, जिसमें वहां चल रही योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
विधायकों से सभी विधानसभा क्षेत्रों का आगामी चार वर्ष का दृष्टि पत्र बनवाया जा रहा है। इसके आधार पर कामों की प्राथमिकता निर्धारित होगी। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में सरकार 100 करोड़ रुपए व्यय करेगी, जिसकी व्यवस्था सांसद और विधायक निधि के अलावा जन सहभागिता और राज्य सरकार के बजट से की जाएगी।

7. सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड जारी करेगी सरकार, 20 करोड़ का प्रावधान मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा, सामाजिक न्याय और आदिवासी कल्याण के लिए राशि जुटाने के लिए सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईबी) जारी करेगी। बजट में इसके लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ये बॉन्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) के सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) सेगमेंट के माध्यम से जारी किए जाएंगे।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज, सामाजिक उद्यमों को एक मान्यता प्राप्त एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण और धन जुटाने की अनुमति देता है। इनमें गैर-लाभकारी संगठन और लाभकारी उद्यम दोनों शामिल हैं।
क्या है सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड:जानकार कहते हैं कि इस स्कीम में सरकार और निवेशकों के बीच एक एग्रीमेंट होता है। इसमें सरकार बेहतर सामाजिक परिणामों के लिए भुगतान करती है। जो बचत होती है, उसका एक हिस्सा निवेशकों के साथ साझा करती है।
ये बॉन्ड सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति पर निर्भर करते हैं। अगर लक्ष्य पूरे नहीं होते हैं, तो निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिलता है। निवेशक आमतौर पर वे होते हैं जो वित्तीय रिटर्न और सामाजिक प्रभाव, दोनों में रुचि रखते हैं।
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