हाई कोर्ट के फैसले के बाद धमतरी में अवैध सड़क ध्वस्त
छत्तीसगढ़ के धमतरी में नगर निगम ने एक विवादित सड़क को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट से मिली जीत के बाद की गई है।
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मामला जमीन के स्वामित्व को लेकर था। जमीन मालिक ने निगम पर आरोप लगाया था कि उनकी निजी जमीन पर मुरुम से सड़क का निर्माण किया गया है। उन्होंने इसके लिए 80 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी।
जमीन मालिक ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की थी। जवाब में नगर निगम ने हाई कोर्ट में अपील दायर की। निगम ने अपनी अपील में स्पष्ट किया कि उनके द्वारा कोई सड़क नहीं बनाई गई है।
कोर्ट के फैसले के बाद निगम ने विवादित सड़क को किया ध्वस्त
मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले के बाद निगम ने विवादित सड़क को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई शासकीय जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए की गई।
दरअसल, धमतरी के व्यक्ति ने आरोप लगाया कि निगम ने उसकी निजी जमीन पर बिना अनुमति के सड़क बना दी थी। इस आरोप के आधार पर मुआवजे की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई। निगम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट में अपील की, ताकि उसे लाखों रुपये के नुकसान से बचाया जा सके। कोर्ट ने इस मामले को झूठा साबित कर दिया और निगम के पक्ष में फैसला सुनाया।
सड़क निर्माण निगम द्वारा नहीं, अस्थायी रूप से बनाई गई थी
नगर निगम आयुक्त प्रिया गोयल ने बताया कि यह विवाद सिन्हा समाज भवन के पास कांटा तालाब के पास की भूमि से जुड़ा था। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि निगम ने उसकी जमीन पर सड़क बना दी थी, लेकिन जांच में यह सामने आया कि निगम ने सड़क का निर्माण नहीं किया था। कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मुरूम डालकर अस्थायी रूप से रास्ता बना दिया था। निगम ने सबूत के साथ निगम ने हाई कोर्ट में अपील की और कोर्ट ने निगम के पक्ष में फैसला सुनाया।
सड़क को ध्वस्त किया गया
हाई कोर्ट के निर्णय के बाद, सोमवार को नगर निगम ने धमतरी के सिन्हा समाज भवन के सामने बने मुरुम के रास्ते को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान कुछ मोहल्लेवासियों ने विरोध भी किया, लेकिन नगर निगम ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई की।