शिवपुरी जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने दो अलग-अलग मामलों में चार जिंदगियां बचाने में सफलता हासिल की है। करैरा के सिरसौना गांव की 22 वर्षीय वर्षा पाल को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। महिला में एनीमिया और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी।
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स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मोना गुप्ता ने तुरंत ऑपरेशन का फैसला लिया। डॉ. बबीता तोमर और नर्सिंग ऑफिसर प्रतिमा की मदद से सफल ऑपरेशन किया गया। महिला ने दो बेटियों और एक बेटे को जन्म दिया। तीनों बच्चों का वजन कम होने के कारण उन्हें एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। वर्तमान में मां और तीनों बच्चे स्वस्थ हैं।
नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी दूसरे मामले में अलकअमर बाल्मीकि के नवजात को सांस लेने में तकलीफ और सायनोसिस की शिकायत पर भर्ती कराया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र कौशिक ने जांच में पाया कि बच्चे को दो जन्मजात हृदय दोष हैं। VSD 6 मिमी और ASD 4 मिमी की समस्या थी। समय पर इलाज और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की मदद से बच्चे को स्वस्थ कर घर भेज दिया गया।
परिजनों ने डॉक्टरों की टीम का आभार जताया। उनका कहना है कि जिला अस्पताल की सेवाएं अब प्राइवेट अस्पतालों के बराबर हैं। ये दोनों मामले साबित करते हैं कि शिवपुरी जिला अस्पताल में मां और नवजात शिशुओं के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं।