कमीशन के खेल में पहले से विवादों में घिरे हाउसिंग बोर्ड में एक और नया खुलासा हुआ है। यहां एक ही इंजीनियर को एक ही संभाग में सहायक यंत्री और कार्यपालन यंत्री दोनों का चार्ज देकर रखा गया है। इस मामले में एक नियमित सहायक यंत्री ने सीएम हेल्पलाइन में शिक
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इस इंजीनियर ने भोपाल में रिक्त पदों पर पोस्टिंग के लिए आवेदन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब यह मामला नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तक पहुंच गया है।
सीनियर इंजीनियर को जूनियर के नीचे काम करवा रहे
उपायुक्त, हाउसिंग बोर्ड को लिखे पत्र में सहायक यंत्री अशोक गुप्ता ने बताया कि सीनियरिटी लिस्ट में उनसे जूनियर इंजीनियरों के अधीन उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे वे अपमानित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने विदिशा में सहायक यंत्री के पद पर ट्रांसफर नहीं मांगा था, इसके बावजूद वहां पदस्थ कर दिया गया। अब जबकि रिटायरमेंट में सिर्फ 8 महीने बाकी हैं, नियमानुसार उन्हें भोपाल में पोस्टिंग दी जानी चाहिए, क्योंकि नियम के अनुसार रिटायरमेंट से 18 माह पहले गृह जिले में पोस्टिंग मिलनी चाहिए।
कार्यपालन यंत्री तिर्की की जांच की मांग
सहायक यंत्री अशोक गुप्ता ने बताया कि 3 अक्टूबर 2024 को शिकायत के बाद कार्यपालन यंत्री तिर्की का स्थानांतरण मुख्यालय, अपर आयुक्त कार्यालय, भोपाल में किया गया था। लेकिन 8 अक्टूबर को उनका तबादला गुना संभाग में कर दिया गया, जबकि नियमानुसार रिटायरमेंट से 18 माह पहले तबादला नहीं किया जा सकता। जब उन्होंने तबादले के विरोध में आवेदन दिया, तो 5 नवंबर 2024 को उन्हें विदिशा पदस्थ कर दिया गया।
इसके बाद कार्यपालन यंत्री तिर्की का तबादला फिर से संभाग-1, भोपाल में कर दिया गया, जबकि संभाग-2 में कार्यपालन यंत्री का पद रिक्त है। इसलिए गुप्ता ने अपनी पोस्टिंग भोपाल में करने की मांग की है। उन्होंने आयुक्त से कार्यपालन यंत्री तिर्की के मुख्यालय से गायब रहने की जांच करने की भी मांग की है।
विवादित इंजीनियर को दिया गया डबल चार्ज
संभाग क्रमांक-6, भोपाल में उपयंत्री प्रकाश संगमेनकर, कार्यपालन यंत्री का प्रभार संभाल रहे हैं। वे सहायक यंत्री और कार्यपालन यंत्री दोनों का डबल चार्ज लिए हुए हैं।
गुप्ता ने कहा कि वे नियमित सहायक यंत्री हैं, इसलिए उन्हें यहां पदस्थ किया जा सकता है।
संभाग क्रमांक-2, भोपाल में भी पद रिक्त हैं। प्रदेशभर में 15 विभागों में उपयंत्री कार्यपालन यंत्री का प्रभार संभाल रहे हैं, जबकि नियमित सहायक यंत्रियों को चार्ज नहीं दिया जा रहा।
गौरतलब है कि प्रकाश संगमेनकर ने अपने अधीन कार्यरत सहायक यंत्री प्रवीण पोरवाल को हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय में रेनोवेशन कार्य में ठेकेदार से कमीशन न लेने के कारण 39 लाख की रिकवरी का आदेश अधीक्षण यंत्री एक्का के साथ मिलकर जारी करा दिया था।
इसके बाद सहायक यंत्री प्रवीण पोरवाल ने आयुक्त, हाउसिंग बोर्ड को पत्र लिखकर पूरे मामले का खुलासा किया और साफ लिखा कि ठेकेदार से कमीशन न मांगने के कारण ही उनके खिलाफ रिकवरी निकाली गई। जबकि सभी कार्य वरिष्ठ अधिकारियों के अनुमोदन के बाद किए गए थे।