12 दिसंबर को राहुल गांधी ने हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
हाथरस केस में रेप के आरोपों से बरी हुए रवि, राम कुमार उर्फ रामू और लवकुश के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने राहुल गांधी को डेढ़ करोड़ का लीगल नोटिस भेजा है।
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नोटिस के जरिए तीनों को 50-50 लाख रुपए देने को कहा गया है। पुंढीर ने कहा- कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद तीनों लड़के समाज में बेहतर जिंदगी जी रहे थे। कोर्ट ने इसे रेप केस भी नहीं माना है। लेकिन गंदी राजनीति के तहत X पर पोस्ट अपलोड की। इससे तीनों की जिंदगी फिर से बर्बाद हो गई।
राहुल गांधी ने 12 दिसंबर को गांव पहुंचकर बिटिया के परिजन से मुलाकात की थी। इसके बाद एक्स पर लिखा- रेप पीड़िता के परिवार को घर में बंद रखना और गैंगरेप के आरोपियों के खुलेआम घूमना, बाबा साहेब के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
राहुल गांधी 12 दिसंबर को अचानक हाथरस पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
नोटिस में कहा- चरित्र पर कलंक लगाया है
- वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने नोटिस में कहा, गांव में पेशबंदी की वजह से थाना चंदपा में संदीप सिसौदिया उर्फ चंदू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। राजनीतिक दलों के अनुचित राजनीतिक समर्थन के कारण मेरे पक्षकार रवि, लवकुश और राम कुमार को सुनियोजित साजिश के तहत मामले में शामिल किया गया। इस मामले में CBI ने आरोप पत्र दाखिल किया।
- कांग्रेस सहित कई अन्य राजनीतिक दल भी अपने लाभ के लिए इस मामले में कूद पडे़। उन्होंने जांच की निष्पक्षता को प्रभावित किया। कांग्रेस ने राहुल गांधी के माध्यम से मेरे पक्षकार का जीवन बर्बाद करने के लिए वादी को फंड भी उपलब्ध कराया था।
- मेरे पक्षकार को करीब ढाई साल तब हिरासत में रखा गया। उनके जीवन का बहुमूल्य समय सामूहिक बलात्कार, हत्या आदि के झूठे आरोपों के कारण समाज में बदनामी, अपमान और चरित्र हनन के अलावा जेल में बिताना पड़ा।
- अब मुकदमा समाप्त हो गया है और मेरे पक्षकार रवि, रामू व लवकुश को कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया। किसी भी व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप अदालत में साबित नहीं हुए।
हाथरस बार एसोसिएशन के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा- राहुल गांधी ने मामले में गंदी राजनीति की है।
- मेरे पक्षकार निर्दोष थे और साथ ही पीड़िता के साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ था, इसलिए अदालत के फैसले के बाद मेरे पक्षकारों का जीवन कुछ हद तक आराम दायक होने जा रहा था। लेकिन आपने (राहुल गांधी) गंदी राजनीति के तहत X पर पोस्ट अपलोड की।
- पोस्ट में कहा कि रेप पीड़िता के परिवार को घर में बंद रखना और गैंगरेप के आरोपियों के खुलेआम घूमना बाबा साहेब के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
- राहुल गांधी एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं। विपक्ष के नेता होने के नाते उनके हर एक शब्द का मतलब देश से है, लेकिन जानबूझकर चरित्र, प्रतिष्ठा, अखंडता को चोट पहुंचाने के इरादे से, जिसे मेरे पक्षकारों ने वापस पा लिया है। इसके बाबजूद भी सोशल मीडिया पर अपमान जनक पोस्ट के द्वारा उनका जीवन फिर से बर्बाद कर दिया है, जो अवमानना पूर्ण है। क्योंकि आप जानबूझकर सक्षम अदालत के फैसले को नकारते हैं।
- मानहानिकारक अपमानजनक बयान ने अदालत के फैसले के बाद भी मेरे पक्षकारों के चरित्र पर कलंक लगाया है, जो कि दंडनीय अपराध है।
- मानहानि के कानूनी नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के अंदर प्रत्येक पक्षकार को 50 लाख रुपये अदा कर दें। अन्यथा आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। X पर की गई पोस्ट से यह साफ जाहिर है कि राहुल गांधी गंदी राजनीति के लिए देश की न्यायपालिका का अपमान कर रहे हैं और न्यायालय की अवमानना कर रहे हैं।
राहुल गांधी का X पोस्ट भी पढ़िए, संसद में उठाया था मुद्दा
4 साल पहले कथित दरिंदगी, कोर्ट ने कहा- ये रेप केस नहीं
दरअसल मामला जिले के बूलगढ़ी गांव का है। 4 साल पहले 14 सितंबर, 2020 को दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। 29 सितंबर, 2020 को युवती ने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने घरवालों की सहमति के बिना युवती का रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया था।
मामला देशभर में सुर्खियों में रहा था। यूपी पुलिस की जांच पर सवाल खड़े हुए तो इसकी जांच CBI को सौंपी गई थी। मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने तीन आरोपियों लवकुश, रामू और रवि को बरी कर दिया था। इसे गैर इरादतन हत्या का मामला माना था। इसमें संदीप को दोषी ठहराया था। संदीप अभी जेल में बंद है।
ये तस्वीर 29 सितंबर, 2020 की है। पुलिस ने रात ढाई बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया था।
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