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भालू के हमले में दोनों आंखों की रोशनी गंवाने वाले दुलदुला ब्लॉक के ग्राम केंदपानी निवासी बाल बच्चन को घटना के 32 साल बाद आखिरकार मुआवजे की राशि मिल गई।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर रविवार को उनकी पत्नी कौशल्या साय ने बाल बच्चन को दो लाख रुपए का चेक सौंपा। सहायता राशि मिलते ही बाल बच्चन और उनका परिवार भावुक हो गया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार ने मुख्यमंत्री का आभार जताया और कहा कि अब यह राशि उनकी बेटियों की पढ़ाई और भविष्य संवारने में काम आएगी।
पीड़ित बाल बच्चन सिंह ने बताया कि यह घटना 24 सितंबर 1992 की सुबह हुई थी, जब वे अपने गांव के पास के जंगल में नित्यकर्म के लिए गए थे। झाड़ियों में बैठे भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया और उनकी दोनों आंखों को बुरी तरह जख्मी कर दिया। उपचार के बाद उनकी जान तो बच गई, लेकिन आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई।
बाल बच्चन के बड़े भाई रंथू सिंह ने बताया कि घटना के समय बाल बच्चन का विवाह हुए केवल पांच महीने ही हुए थे। आंखों की रोशनी चले जाने के कारण वे कोई काम नहीं कर पा रहे थे, जिससे परिवार आर्थिक संकट में घिर गया। वन विभाग द्वारा घोषित मुआवजा राशि भी नहीं मिल पाई।
घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। लेकिन यह आश्वासन महज कागजी साबित हुआ। बाल बच्चन आर्थिक मदद की उम्मीद में अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। बाल बच्चन ने बताया कि वर्षों तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। आखिरकार, 25 सितंबर 2024 को बगिया में आयोजित जनदर्शन में वे मुख्यमंत्री से अपनी पीड़ा बताने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाल बच्चन की व्यथा सुनते ही तुरंत वन विभाग को मुआवजा राशि देने का निर्देश दिए।