हिंदू धर्मगुरु पंडित सुशील पाठक ने पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद और दिल्ली के सीलमपुर में हुई हत्याओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इन घटनाओं को एक बड़ी साज़िश का हिस्सा बताते हुए केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की माँग की है।
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पंडित सुशील पाठक
मुर्शीदाबाद और सीलमपुर एक जैसी घटनाएं
पंडित सुशील पाठक ने कहा कि चाहे बात पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद में बाप-बेटे की हत्या की हो या दिल्ली के सीलमपुर में दूध लेने जा रहे मासूम की, ये घटनाएं किसी भी तरह से सामान्य नहीं कही जा सकतीं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये एक सुनियोजित चाल है जिससे अल्पसंख्यक इलाकों में रह रहे हिंदुओं को डराया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘सीलमपुर में जो हुआ वो सिर्फ एक बच्चे की हत्या नहीं थी, वो एक संदेश था। मुर्शीदाबाद में जो बाप-बेटे के साथ हुआ, वो उसी पैटर्न का हिस्सा है।’
निशाने पर हिंदू समुदाय
पाठक ने बताया कि इन इलाकों में मुसलमान आबादी ज़्यादा है और हिंदू अल्पसंख्यक हैं। ऐसे में वहाँ रहने वाले हिंदू खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जहाँ हिंदू कम और मुसलमान ज़्यादा हैं, वहाँ टारगेट करके हत्याएं की जा रही हैं। ये बहुत चिंता की बात है।’ उन्होंने इन घटनाओं को लेकर कहा कि यदि अभी भी सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाया तो ये आग और जगह फैल सकती है।
गृह मंत्री से कड़ा एक्शन लेने की अपील
पंडित सुशील पाठक ने गृह मंत्री से अपील की कि ऐसे इलाकों में तत्काल सख्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने यहाँ तक कहा कि ‘अगर ज़रूरत हो तो राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाए।’
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे सरकार ने कश्मीर में आतंक की कमर तोड़ी, वैसे ही इन इलाकों में भी कड़ा एक्शन लेना ज़रूरी है।
राजनीतिक चुप्पी पर साधा निशाना
पाठक ने यह भी कहा कि ‘हर मुसलमान गलत नहीं है, कई जगहों पर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे से रहते हैं। लेकिन जहाँ साजिश के तहत एक ही धर्म के लोगों को टारगेट किया जा रहा है, वहाँ चुप्पी साधना राष्ट्रहित के खिलाफ है।’ उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों पर आरोप लगाया कि वोटबैंक के डर से वे इन मुद्दों पर बोलने से बच रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ती जा रही है।