पुतला दहन के लिए जुटे कार्यकर्ता।
बखरी में अंबेडकर जयंती पर झंडा लगाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को अंबेडकर चौक पर लगे महावीरी झंडे को हटाने पर विवाद हुआ था। इस दौरान बखरी विधायक सूर्यकांत पासवान भी एक पक्ष का समर्थन में झंडा हटवाने पहुंचे और इसको लेकर विवादित बयान दिया
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इससे आक्रोशित अभाविप एवं अन्य हिंदू संगठनों ने मंगलवार को विधायक पर सनातन विरोधी का आरोप लगाते हुए मुख्य बाजार में अर्थी जुलूस निकाला। इस दौरान लोगों ने विधायक के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। महादेव स्थान चौक से शुरू जुलूस नगर भ्रमण करते हुए अंबेडकर चौक पहुंची।
पुतला दहन में शामिल कार्यकर्ता।
यहां नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए अभाविप के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मनीष कुमार ने कहा कि बखरी विधायक की राजनीति फूट डालो और राज करो करने की है।उनके अगड़े-पिछड़े, जात-पात की राजनीति को बखरी ने नकार दिया है। अंबेडकर जयंती पर धार्मिक झंडे के साथ छेड़छाड़ हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ है।
यह बखरी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, संपूर्ण घटनाक्रम में प्रशासन की सूझबूझ से विवाद को सुलझाया गया। इसके बावजूद विधायक झंडा हटाने को लेकर अड़े रहे, जिसकी विद्यार्थी परिषद तीव्र निंदा करती है।पूर्व नगर मंत्री अनुभव आनंद एवं नगर मंत्री रविंद्र सहनी ने कहा कि बाबा साहब विद्यार्थी परिषद के लिए राजनीति का विषय नहीं है।
कहा- अंबेडकर चौक की परिकल्पना विद्यार्थी परिषद की देन
अंबेडकर चौक की परिकल्पना विद्यार्थी परिषद की देन है। परिषद सालों भर यहां रचनात्मक एवं आंदोलनात्मक कार्यक्रम करती है। किसी संगठन को यहां कार्यक्रम करने मे रोक नहीं है। बाबा साहब का सम्मान समाज का हर वर्ग करता है। लेकिन उनके नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
अंबेडकर जयंती पर हिंदू समाज के प्रति विधायक ने नफरत बांटने का काम किया है। जिस समरस समाज का सपना बाबा साहब ने देखा, उसे उनकी ही जयंती पर उनके विचारों को कुचलने का काम बखरी विधायक ने किया है। इस घटना से संपूर्ण हिंदू समाज में आक्रोश है।