हिसार डीईओ प्रदीप नरवाल ने रिटायरमेंट पार्टी कैंसिल होने का स्टेट्स लगाया।
हरियाणा में हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) प्रदीप नरवाल ने अपनी रिटायरमेंट पार्टी कैंसिल कर दी है। आज दोपहर को रिटायरमेंट पार्टी के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को डीईओ ने 2 दिन पहले ही निमंत्रण दिया था।
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डीईओ की 31 मार्च को रिटायमेंट थी मगर सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते 4 दिन पहले वीरवार 27 मार्च को डीईओ को सस्पेंड कर दिया था। बताया जा रहा है कि डीईओ के पेंशन बैनिफिट से लेकर तमाम चीजों को भी सरकार रोक सकती है।
इसके चलते डीईओ काफी परेशान है और उन्होंने आज से शुरू होने वाली रिटायरमेंट पार्टी कैंसिल कर दी है। वहीं डीईओ ने एक बड़ी पार्टी हिसार के गोबिंद पैलेस में भी रखी थी। इस पार्टी को रिटायमेंट से एक दिन पहले रखा जाना था बताया जा रहा है यह पार्टी भी कैंसिल हो जाएगी।
रिटायरमेंट पार्टी कैंसिल होने की जानकारी खुद डीईओ ने अपने वॉट्सऐप के स्टेट्स पर मैसेज लगाकर दी है। वहीं डीईओ प्रदीप नरवाल के नजदीकी क्लर्क राजेश पर भी गाज गिरी है। सरकार ने उसके भी सस्पेंशन ऑर्डर जारी कर दिए हैं।
हरियाणा सरकार ने 27 मार्च को डीईओ को सस्पेंड करने के ऑर्डर जारी कर दिए थे।
क्लर्क पर थी डीईओ की मेहरबानी बताया जा रहा है कि हिसार डीईओ ऑफिस में प्राईवेट स्कूलों से संबंधित रिकॉर्ड रखने वाले क्लर्क राजेश पर डीईओ प्रदीप नरवाल की खास मेहरबानी थी। डीईओ किसी भी प्राईवेट स्कूल में निरीक्षण के लिए जाता तो ड्राइवर की जगह राजेश क्लर्क को साथ ले जाता था।
क्लर्क ड्राइवर का क्लेम भी एजुकेशन डिपार्टमेंट से लेता था। शिक्षा विभाग तक इसकी जानकारी पहुंच गई थी। क्लर्क के माध्यम से ही भ्रष्टाचार के सारे खेल को खेला जा रहा था जिसके बाद शिक्षा विभाग ने क्लर्क राजेश को भी डीईओ के साथ ही सस्पेंड कर दिया।

डीईओ एक स्कूल से 12 लाख रुपए लेता था बताया जा रहा है कि डीईओ स्कूलों को मान्यता देने के एवज में स्कूल प्रबंधकों से रिश्वत मांग रहा था। डीईओ ने एक फिक्स रकम तय की हुई थी। वह मान्यता देने के लिए 12 लाख रुपए वसूलता था। इसमें कुछ हिस्सा क्लर्क का भी होता था।
क्लर्क के ही जिम्मे आगे सेटिंग का जिम्मा होता था। यह मामला तब उजागर हुआ जब आरएसएस से जुड़े नेता के स्कूल से डीईओ ने 12 लाख रुपए रिश्वत की डिमांड की और जब पैसे नहीं दिए तो उसने 29 कमरों के स्कूल को 18 कमरों का दिखाया। जब यह बात CM नायब सैनी तक पहुंची तो DEO पर कार्रवाई की गई।
पैसे लेकर स्कूलों को मान्यता दी, जिनके मापदंड पूरी नहीं आरोप यह भी है कि हिसार DEO प्रदीप नरवाल ने ऐसे स्कूलों को रिश्वत लेकर मान्यता दे दी जो मापदंड कहीं से पूरे नहीं करते थे। प्रतिनिधिमंडल ने एक ऑडियो भी मुख्यमंत्री सैनी को दिया, जिसमें DEO पैसे की डिमांड कर रहा है।
जिस स्कूल संचालक की ऑडियो मुख्यमंत्री को सौंपी गई, उस स्कूल संचालक ने भी DEO को रिश्वत दी थी। यह ऑडियो मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास पहुंच गई, जिसके बाद उन्होंने 2 दिन के अंदर ही DEO को सस्पेंड कर दिया और विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं।
हालांकि, इस मामले में DEO प्रदीप नरवाल का कहना था कि उनके पास सस्पेंशन के ऑर्डर नहीं आए हैं। 31 मार्च को उनकी रिटायरमेंट हैं। इस संबंध में 20 मार्च को ही पत्र आ गया था।