सूरजपुर में मानसिक रोगी पिछले दो दिनों से 100 फीट ऊंचे पेड़ की पतली टहनी पर बैठा
सूरजपुर के प्रेमनगर स्थित बरईहाडांड़ इलाके में एक अजीब मामला सामने आया है। एक मानसिक रोगी पिछले दो दिनों से 100 फीट ऊंचे पेड़ की पतली टहनी पर बैठा हुआ है। वह न तो खाना-पीना ले रहा है और न ही नीचे उतरने को तैयार है।
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स्थानीय लोगों के अनुसार, युवक लगातार खतरनाक हरकतें कर रहा है। वह पतली टहनी पर इस तरह बैठा है कि किसी भी समय नीचे गिर सकता है। उसकी इस हरकत से प्रशासन भी परेशान है।
बचाव के लिए डीडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। लेकिन पेड़ की अधिक ऊंचाई और युवक के लगातार हिलने-डुलने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई आ रही है। तेज हवा का दबाव भी बचाव कार्य में बाधा बन रहा है।
प्रशासन की टीम युवक को सुरक्षित नीचे उतारने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। स्थिति इतनी नाजुक है कि मौके पर मौजूद लोग और बचाव दल के सदस्य भी तनाव में हैं।
अगर वो गिर गया तो जिम्मेदार कौन
यही सवाल अब स्थानीय ग्रामीण प्रशासन से पूछ रहे हैं। जिले के एक गांव में दो दिनों से एक युवक पेड़ पर बैठा हुआ है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि पहले तो अधिकारियों ने मामले को नजरअंदाज किया, और अब जब घटना ने तूल पकड़ लिया है, तो केवल ‘दिखावे’ के लिए रेस्क्यू टीम भेजी जा रही है।
स्थानीयों का फूटा गुस्सा
ग्रामीणों ने कहा, प्रशासन तो मानो तमाशा देख रहा था। अगर युवक नीचे गिर गया और उसकी जान चली गई, तो क्या सिर्फ मुआवज़ा देकर सरकार अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाएगी?
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मामला सिर्फ एक मानसिक रूप से बीमार युवक की जान का नहीं है, बल्कि यह पूरी सरकारी व्यवस्था के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर एक करारा तमाचा है। दो दिन बीत जाने के बावजूद गंभीरता नहीं दिखाना, न सिर्फ संवेदनहीनता को दर्शाता है, बल्कि सिस्टम की नाकामी को भी उजागर करता है।