अपराधी, भू-माफिया और शराब माफिया की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का मुख्यालय के निर्देश के छह महीने बीतने के बावजूद अब तक एक भी आरोपी की संपत्ति पुलिस जब्त नहीं कर पाई है। जिले के थानों में फरार चल रहे 109 शराब माफिया की सूची तैयार जरूर की
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जबकि प्रत्येक थाना से दो-दो सूची बनाने का निर्देश है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107 के तहत अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने को लेकर पुलिस ने कोर्ट में चिह्नित चार अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए अर्जी दाखिल की है। अपराध से अर्जित संपत्ति जब्ती की कार्रवाई को लेकर सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय को उसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया था। उस समय उन्होंने कहा था कि इस से संबंधित दिशा-निर्देश से अवगत कराने को लेकर सभी थानाध्यक्षों के साथ बैठक की जा रही है। उस समय यह संभावना जतायी गई थी कि जनवरी 2025 के प्रथम सप्ताह तक सूची बन जाएगी।
बीएनएसएस-2023 में धारा-107 जुड़ने के बाद पुलिस को अपराधियों के द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्जित की गई अपराध की संपत्ति के अधिग्रहण अथवा कुर्की की कार्रवाई का अधिकार मिल गया है। पुलिस ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया में कोर्ट में साक्ष्य के साथ आवेदन प्रस्तुत करेगी। इसके साथ ही 14 दिनों के अंदर आरोपी व्यक्ति के विरुद्ध नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि क्यों नहीं उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाए। उनकी संपत्ति अवैध रूप अर्जित किए जाने की पुष्टि होने के बाद उनकी सम्पति जब्त कर ली जाएगी।
जिले में कुल 35 थाने हैं। थानों में कुल कितने अपराधी हैं, जिन्होंने अपराध अथवा अन्य अवैध साधनों से सम्पत्ति अर्जित की है। इसमें से कितने ऐसे अपराधियों की सूची संबंधित एसडीपीओ को सौंपी गई है, इसका जवाब भी पुलिस के पास नहीं है। बता दें कि जिले की पुलिस, सीओ, डीटीओ और रजिस्ट्री कार्यालय से मिलकर अवैध संपत्तियों का मूल्यांकन कर चिन्हित अपराधियों के विरुद्ध एसडीपीओ के द्वारा नोडल पदाधिकारी और वहां से प्रस्ताव एसपी को भेजा जाना है। उसके बाद एसपी स्तर से चिन्हित अपराधियों के विरुद्ध कोर्ट को प्रस्ताव भेजा जाना है। ताकि उनकी अवैध सम्पत्ति को बीएनएसएस की धारा 107 के अंतर्गत कोर्ट के आदेश के बाद जब्त किया जा सके। वहीं, थानों को शराब माफियाओं की अवैध संपत्तियों की जांच और जब्ती के निर्देश भी दिए गए हैं।
कुछ मामला कोर्ट में समर्पित किया गया है। सूची तैयारी की प्रक्रिया जारी है। पुलिस अपना काम कर रही है। -संजय कुमार पाण्डेय, सदर एसडीपीओ-1 सह नोडल पदाधिकारी, समस्तीपुर