आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन 150 साल का हो गया। 151वें साल में इसका कायाकल्प किया जा रहा है। इस स्टेशन के इतिहास एवं धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए रविवार को स्टेशन महोत्सव (शताब्दी समारोह) आयोजित किया गया। रेलवे ने इसके इतिहास और इसके महत्व पर प्रकाश डाल
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आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन।
बेजोड़ है इसके भवन निर्माण की शैली आगरा फोर्ट स्टेशन भवन इंडो सरैसेनिक वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। जो भारतीय और गोथिक शैलियों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करता है। यह शैली ब्रिटिश शासन के दौरान लोकप्रिय थी और भारतीय उपमहाद्वीप में इसके प्रभाव को देखा जा सकता है। भवन का लाल बलुआ पत्थर का बाहरी हिस्सा आगरा की समृद्ध वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। मुगल शैली के मेहराब और जटिल अलंकरण कास्ट आयरन स्तंभ पत्थर की रेलिंग और लकड़ी की छतें 19वीं सदी की इंजीनियरिंग और वास्तुकला को प्रदर्शदशित करते हैं।

आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन।
द्वितीय विश्व युद्ध में योगदान द्वितीय विश्व युद्ध् के दौरान आगरा किला रेलवे स्टेशन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थल था और यह ब्रिटिश भारतीय डिवीजन के लिए बर्मा जाने वाली गुप्त ट्रेनों का प्रमुख केंद्र बन गया था। इंफाल स्पेशल जैसी ट्रेनें यहां से गुजरती थीं, जिनकी टाइमटेबल को सेंसर किया जाता था और प्लेटफाम्र की बत्तियां बंद कर दी जाती थीं, जिससे युद्ध संबंधित जानकारी लीक न हो सके। आगरा किले रेलवे स्टेशन से 1942-45 के बीच कई सैनिकों की ट्रेनें बिना देरी के रवाना की गई जो युद्ध के लिए महत्वपूर्ण रसद और सहयोग को दर्शाता है।

प्रो. एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय राज्यमंत्री

27 मेल एक्सप्रेस आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन से गुजरती हैं। 7 पैसेंजर रुकती हैं। यह एक महत्वपूर्ण स्टेशन बन गया है। प्रो. एसी सिंह बधेल, केंद्रीय राज्यमंत्री

योगेंद्र उपाध्याय, कैबिनेट मंत्री, यूपी सरकार

पहले ये छोटी लाइन थी। मगर, अब समय के साथ बड़ा स्टेशन बन गया है। यहां से हजारों यात्रियों का आवागमन होता है। योगेंद्र उपाध्याय, कैबिनेट मंत्री, यूपी सरकार