औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड निवासी दयानंद चौधरी साइकिल का दुकान चलाते थे। लेकिन पिछले 2 साल से वो मछली पालन करके सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। किसान ने 16 कट्ठा में बने दो तालाब में मछकलि पालन का काम करते हैं। उन्होंने इस काम की शुरुआत मत
.
किसान ने बताया कि रोहू, कतला, ब्लॉक्स, कॉमन कट मछली का पालन करते हैं। जिससे उन्हें मार्केट रेट से 50% का मुनाफा मिलता है। मछली पालन की शुरुआत में किसान ने 2 हजार मछलियों से शुरुआत किया था। जिसके बाद से लगातार इससे मुनाफा कमा रहे हैं।
दयानंद चौधरी ने बताया कि 16 कट्ठा में मछली पालन में साल में करीब 4 लाख रुपए का खर्च आता है। जिसके बाद 40 से 50 दिनों में 8 लाख रुपए तक का तैयार होता है। हर 15 दिन पर तालाब का 50% पानी बदलना जरूरी होता है। जिससे मछलियों में बीमारी नहीं होती।
किसान मछली को दाना का छिड़काव करते हुए
कैसे शुरू किया मछली पालन का काम
किसान दयानंद चौधरी ने बताया कि मछली पालन से पहले वह साईकिल दुकान और गेट बनाने का काम करते थे। लेकिन कमाई अच्छी नहीं होती थी। एक दिन फैसला किया कि मछली पालन को रोजगार का साधन बनाया जाए। उसके लिए मत्स्य विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर दिया। जिसके बाद विभाग ने इसकी सूचना मुझे दी। पटना में एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें बताया गया कि मछली पालन कैसे करना है और उसका सही समय कब होता है।

तालाब में पाले हुए मछली।
मछली में 12 रोग का खतरा
आगे बताया कि मछली पालन के लिए मत्स्य विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों की तरफ से समय समय पर दिशा निर्देश दिया जाता है। हर 15 दिन पर तालाब का 50% पानी बदलना चाहिए। मछली में 12 तरह के रोग होने की संभावना होती है, जिससे किसान को नुकसान भी होता है। मछली में रोग पहचानने के कई तरीके हैं। अगर मछली तालाब किनारे चले, तालाब में अधिक हलचल न हो और पानी के ऊपर आ जाएं तो यह संकेत हैं उनके रोगी होने के, इसके लिए समय समय पर मत्स्य विभाग के चिकित्सकों का सलाह लिया जाता है।