Saturday, March 15, 2025
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16 दिन खनन माफिया के गढ़ में भास्कर महिला रिपोर्टर: वीडियो बनाते देख धमकाया, सरकारी अफसर बोले-चले जाइए, ये पुलिस को भी नहीं छोड़ते – Rajasthan News


जोधपुर-पाली क्षेत्र में लूणी नदी का 100 किलोमीटर से अधिक का नदी क्षेत्र अवैध खनन से छलनी हो चुका है। माफिया का नेटवर्क ऐसा कि कोई भी बाहरी गाड़ी एरिया में एंटर होती है तो महज कुछ सेकेंड में वॉट्सऐप से मैसेज पहुंच जाता है।

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बेखाैफ ऐसे कि रास्ते में पुलिस की गाड़ी भी आए तो डंपर से उड़ा देते हैं। हाल में पाली में फॉरेस्ट रेंजर की डंपर से कुचल कर हत्या कर दी थी।

इन खतरों के बावजूद भास्कर की महिला रिपोर्टर खनन माफिया के गढ़ में पहुंचीं। पहले दिन पुलिस के साथ जायजा लिया तो सबकुछ सही दिखा। बाद में खुद पड़ताल की तो खनन का पूरा सच सामने आ गया।

अधिकांश जगहों पर बजरी से भरे डंपर बैखौफ दौड़ते नजर आए। रात में पीसीआर वैन व चेतक के सामने भी डंपर के पहिए नहीं रुके। भास्कर से बातचीत में अवैध खनन में शामिल लोगों ने पुलिस पर खनन और डंपर पार कराने के लिए वसूली के आरोप भी लगाए।

इस दौरान माफिया के लोगों ने महिला रिपोर्टर को भी धमकाया। एक सरकारी अफसर ने भी चेतावनी दी। इसके बावजूद भास्कर रिपोर्टर 16 दिन फील्ड में रही। 500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर किया।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

ड्रोन उड़ाया तो इसी तरह लूणी नदी में बजरी खनन के निशान नजर आए।

19 फरवरी : पुलिस पहुंची तो कोई नहीं था, लेकिन नदी में डंपर के निशान

शाम 4 बजे, अमृता देवी सर्कल से झालामंड, कांकाणी के पास से शिकारपुरा होते हुए 40 किलोमीटर दूर भास्कर टीम लूणी थाने पहुंची। थाने में जब्त किए गए बजरी से भरे कुछ डंपर व गाड़ियां खड़ी थीं। यहां से भास्कर रिपोर्टर पुलिस की चेतक में हेड कॉन्स्टेबल के साथ लूणी नदी की तरफ गई। सतलाना तक तीन नाके देखे, जहां पुलिसकर्मी तैनात थे। सतलाना से अंदर की ओर लूणी नदी तक गए। कमिश्नरेट की ड्रोन टीम ने ड्रोन उड़ा कर जांचा। नदी में कोई गतिविधि नजर नहीं आई। हालांकि उस दिन भी नदी में गाड़ी के टायरों के ताजा निशान नजर आए थे।

भास्कर रिपोर्टर पुलिस के साथ गई तो लूणी नदी क्षेत्र में कोई खनन गतिविधि नजर नहीं आई।

भास्कर रिपोर्टर पुलिस के साथ गई तो लूणी नदी क्षेत्र में कोई खनन गतिविधि नजर नहीं आई।

22 फरवरी : गलियों से निकल रहे थे बजरी से भरे डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली

दोपहर 2 बजे का वक्त। भास्कर रिपोर्टर गौरा होटल से गुड़ा सरदारसमंद रोड पर पहुंची तो बजरी के डंपर दौड़ते दिखे। पुलिस ने लूणी में सख्ती की तो डंपर लूणी नदी के मिठड़ी वाले हिस्से से बजरी का अवैध खनन करने लगे। भास्कर रिपोर्टर ने टोल के पास आगे की ओर अपनी गाड़ी खड़ी की। गलियों से निकल कर आगे बढ़ी तो चार से पांच डंपर व ट्रैक्टर-ट्रॉली आते-जाते दिखी।

पुलिस के दावों को झुठलाती ये तस्वीर- हर दिन इसी तरह जेसीबी से खनन कर लूणी नदी क्षेत्र को छलनी किया जा रहा है।

पुलिस के दावों को झुठलाती ये तस्वीर- हर दिन इसी तरह जेसीबी से खनन कर लूणी नदी क्षेत्र को छलनी किया जा रहा है।

25 फरवरी : हर घर के बाहर बजरी के ढेर

भास्कर रिपोर्टर ने काकेलाव से डांगियावास तक पड़ताल की। कांकाणी से गुडा रोड पर सड़क किनारे किसी घर में बजरी से भरे डंपर तो कहीं जेसीबी खड़ी थी। इस इलाके में रात में नदी से खनन कर घरों के बाहर कंटीली झाड़ियों से बाड़ा बना कर बजरी का स्टॉक किया हुआ था। इस इलाके के ज्यादातर लोग अवैध बजरी खनन में लिप्त हैं। ऐसे में लगभग हर घर के बाहर बजरी के ढेर लगे थे। हैरानी की बात है कि यह स्टॉक न खनन विभाग को नजर आते हैं न ही पुलिस को।

नदी में पेड़ों तक जड़ तक से बजरी खनन करके ले गए।

नदी में पेड़ों तक जड़ तक से बजरी खनन करके ले गए।

3 मार्च : खनन कर रहे लोगों ने रिपोर्टर को धमकाया

दोपहर 12 बजे भास्कर रिपोर्टर गाेरा होटल क्षेत्र में बने नाके पर पहुंची। कोई पुलिस कर्मी तैनात नहीं था। होटल से सरदारमंद रोड टोल तक 2 किलोमीटर के रास्ते में बजरी से भरे तीन डंपर वहां से गुजरे। टोल पार कर भास्कर रिपोर्टर मीठड़ी तक पहुंची तो ब्रिज से ही नदी में लगी जेसीबी खनन करती दिखी। डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉली में बजरी भरी जा रही थी।

भास्कर रिपोर्टर ब्रिज से ही खड़े होकर अवैध खनन के वीडियो बनाने लगी। खनन कर रहे लोगों को इसकी भनक लग गई। भास्कर रिपोर्टर के पास आए और पूछताछ शुरू कर दी- कहां से आई हो? वीडियो क्यों बना रही हो? डंपर के वीडियो मत बनाना। इतना कहकर मोबाइल बंद करा दिया।

इसके बाद भास्कर टीम ने डेढ़ घंटे बाद गाड़ी से ही ड्रोन उड़ाया। नदी में ताजा खनन के निशान थे। सड़क पर बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां दौड़ रही थीं।

ट्रैक्टर-ट्रॉली में बजरी भरकर ले जाते हुए। बजरी से भरी गाड़ियां दिनभर सड़कों पर दौड़ती नजर आती हैं।

ट्रैक्टर-ट्रॉली में बजरी भरकर ले जाते हुए। बजरी से भरी गाड़ियां दिनभर सड़कों पर दौड़ती नजर आती हैं।

4 मार्च : पुलिस के नाकों के सामने से गुजरे डंपर

भास्कर रिपोर्टर ने दोपहर 3 से 7 बजे तक गुढा रोड से कांकाणी और शिकारपुरा होते हुए लूणी थाना क्षेत्र में पड़ताल की। लूणी थाना पुलिस ने 19 फरवरी को जो नाके दिखाए थे, वहां पहुंची। पहले नाके पर खेत में बैठे पुलिस कर्मी दिखे।

टेंट में लगे नाके के बाहर कोई नहीं दिखा। वहीं नाके के पीछे नदी में जेसीबी व डंपर थे। खनन हो रहा था। मुख्य सड़क से भी पुलिस के नाकों के सामने से डंपर दौड़ रहे थे। ड्रोन उड़ाकर जायजा लिया तो सतलाना मोड़ से अंदर की ओर नदी की तरफ भी गाड़ियों के निशान नजर आए।

19 फरवरी को पुलिस के साथ जायजा लिया तो सतलाना मोड पर पुलिसकर्मी नाके पर तैनात थे। 4 मार्च को भास्कर टीम वहां दोबारा पहुंची तो नाका सूना पड़ा था।

19 फरवरी को पुलिस के साथ जायजा लिया तो सतलाना मोड पर पुलिसकर्मी नाके पर तैनात थे। 4 मार्च को भास्कर टीम वहां दोबारा पहुंची तो नाका सूना पड़ा था।

रिपोर्टर से बोले अधिकारी- चले जाइए, ये लोग खाकी को भी नहीं छोड़ते

पड़ताल के दौरान भास्कर रिपोर्टर मुख्य सड़क पर उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर गाड़ी लगाकर कुछ देर के लिए खड़ी हुईं। इसी दौरान एक अधिकारी वहां आए और पूछा- यहां क्यों खड़ी हो? कौन हो? पहले तो यहां नहीं देखा? इस पर भास्कर रिपोर्टर ने अपना परिचय दिया।

इस पर अधिकारी बोले- इस क्षेत्र तक कोई पत्रकार नहीं आते, आप कैसे आ गई़? बहुत जाेखिम है। ये लोग खाकी को भी नहीं छोड़ते। आप यहां से निकल जाइए।

भास्कर रिपोर्टर ने उनसे अवैध खनन के बारे में पूछा तो नाम न छापने की शर्त पर बोले- राेज डंपर दौड़ते हैं। यहां कल ही नदी में खनन हो रहा था। हमने सीआई को बताया तो जवाब मिला- ग्राम पंचायत का कोई निर्माण कार्य चल रहा है। हम तो बस जानकारी दे सकते हैं। ज्यादा कुछ कह नहीं सकते। हमें भी खतरा है।

उन्होंने जाते-जाते फिर भास्कर रिपोर्टर को चेताया- जल्दी से जल्दी यहां से निकल जाइए। अब तक सभी को जानकारी मिल गई होगी। इनका नेटवर्क बहुत तेज है। इसके बाद भास्कर रिपोर्टर भी कांकाणी की ओर आ गई।

उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने से इसी तरह बजरी से भरे डंपर दिनभर निकलते हैं।

उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने से इसी तरह बजरी से भरे डंपर दिनभर निकलते हैं।

5 मार्च : चेतक और पीसीआर के सामने से निकल रही थी बजरी से भरी गाड़ियां

12 बजे से 3 बजे तक भास्कर रिपोर्टर ने एम्स रोड से झालामंड होते हुए कांकाणी तक पड़ताल की। यहां हाईकोर्ट चौराहे पर पुल के नीचे पुलिस की पीसीआर खड़ी थी। सामने विवेक विहार की ओर से डंपर आया और सीधा पाली रोड की तरफ मुड़ गया। एक ट्रेलर भी आया। उससे पहले पीसीआर पाली रोड पर कुछ दूर साइड में रुकी और ट्रेलर पार कर गया।

रात 1 बजे विवेक विहार थाना होते हुए भास्कर रिपोर्टर डीपीएस सर्कल पहुंची। यहां सर्कल के पास बाडमेर रोड पर दायीं तरफ की दुकान के पास पुलिस की चेतक खड़ी थी। वहीं डंपर भी मौजूद था। कुछ देर चेतक रुक कर वापस मुड़ कर जुनावों की ढाणी की ओर निकल गई। इसके बाद डंपर भी वहां से निकल गया।

रात 3 बजे चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने के बाहर से कई डंपर निकले। कोई रोकने टोकने वाला नहीं था। रात में अमृता देवी सर्कल से झालामंड तक डंपर दौड़ते नजर आए।

रात के वक्त चौराहे पर पुलिस की गाड़ी से सामने से गुजरती बजरी से भरी गाड़ियां।

रात के वक्त चौराहे पर पुलिस की गाड़ी से सामने से गुजरती बजरी से भरी गाड़ियां।

6 मार्च : दावा-जितनी बजरी चाहिए मिल जाएगी

पड़ताल के आखिरी दिन भास्कर रिपोर्टर शहर के बीच उदयमंदिर थाने के पास आखली पर पहुंची। यहां मालिक से बात की और 7 डंपर का सौदा किया।

उसे बताया कि- मैं मुंबई रहती हूं। अभी जोधपुर आई हूं। मकान बनवाना है। उसके लिए बजरी चाहिए। वहां मौजूद रामकिशोर शर्मा ने बताया कि हालांकि अभी कम बजरी आ रही हैं, लेकिन एक दिन पहले बता देंगी तो जितनी बजरी चाहिए, मिल जाएगी।

भास्कर रिपोर्टर ने पूछा- पुलिस की सख्ती चल रही है, डंपर मिल तो जाएंगे? उस पर रामकिशोर ने फोन पर बेटे रवि शर्मा से बात कराई। रवि बोला-पुलिस की दिक्कत अपनी नहीं बजरी सप्लाई करने वालों की है। वह लोग मैनेज करके चलते हैं। आखली में भी रोजाना बजरी पहुंच ही रही है।

बजरी बेचने वालों ने दावा किया- एक दिन पहले बता दीजिए। सारा इंतजाम हो जाएगा।

बजरी बेचने वालों ने दावा किया- एक दिन पहले बता दीजिए। सारा इंतजाम हो जाएगा।

ऐसे करते हैं खाकी को मैनेज

भास्कर रिपोर्टर ने पूरा नेटवर्क समझने के लिए अवैध खनन से जुड़े कुछ लोगों से भी बात की। बात करने से पहले ही उन्होंने शर्त रख दी- न हम अपनी पहचान बताएंगे। न कैमरे पर आएंगे।

इसकी वजह भी बताई। बोले- कुछ खिलाफ बोलेंगे तो पुलिस सख्ती दिखाएगी। बेवजह हमारा धंधा खराब होगा। इस धंधे में नए-नए लोग जुड़ रहे हैं। महंगे डंपर लोन पर खरीद रहे हैं। उनकी किस्त चुकानी भारी पड़ जाएगी। एक-दो डंपर अगर पकड़े भी गए तो उसकी भारी पेनल्टी भरनी पड़ेगी।

अलग–अलग धाराओं में झूठा मामला दर्ज कर घर से उठा कर ले जाएंगे। परिवार वाले परेशान होंगे। हमें कुछ नहीं बोलना।

धंधा खराब होगा तो इस धंधे से जुड़े दूसरे लोग भी हमें ही दोषी ठहराएंगे।

डीसीपी वेस्ट ने पैसे लेने के आरोपों को नकारा

पुलिस का पक्ष जानने के लिए भास्कर ने डीसीपी वेस्ट राजर्षि राज वर्मा से बात की। डीसीपी वेस्ट का तर्क था- 90 किलोमीटर का क्षेत्र है। हम हर कुछ दूरी पर निगरानी नहीं रख सकते। जितने साधन व संसाधन हैं, उनसे अवैध खनन रोकने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। समय-समय पर डंपर जप्त भी किए जा रहे हैं। लगातार कार्रवाई जारी है। पुलिस पर खनन माफिया से पैसे लेने के आरोप गलत और बेबुनियाद हैं।

अवैध बजरी यूज करने वालों पर भी कार्रवाई हो

बजरी यूनियन वालों का कहना है कि अवैध खनन करने वाले गुनहगार है तो अवैध बजरी का इस्तेमाल कर निर्माण कराने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। बजरी यूनियन के अध्यक्ष राजू बाबल का कहना है कि पहले कमिश्नर यूनियन को बुलाते और बजरी खनन को रोकने का कहते तो रुकती थी।

हमने जब हड़ताल की तब सभी विकास कार्य रुक गए। प्रशासन ने हड़ताल तुड़वाई ताकि सरकारी विकास कार्य न रुकें। अब यूनियन से बात नहीं होती है।

राजू बाबल ने कहा कि लीज प्रक्रिया 2023 में चुनाव से पहले खोली थी। लोगों ने 23 करोड़ रुपए जमा करवाए, लेकिन अभी तक लीज नहीं मिली। EC के चलते लीज रोक रखी है।

बजरी के अवैध खनन का रूट

धूंधाड़ा, फींच व भांडू क्षेत्र से खनन कर बोरानाडा होते हुए पाल रोड डीपीएस सर्किल से राजीव गांधी थानाक्षेत्र की ओर बजरी की सप्लाई करते हैं। धवा डोली से बालेसर डंपर जाते हैं।

कायलाना चौराहे से होकर करवड़, नागौर रोड, ओसियां, कांकाणी से होते हुए विवेक विहार, कुड़ी झालामंड चौराहा, काकेलाव रोड होते हुए डांगियावास, गोरा होटल के सामने शिकारगढ़ रोड होते हुए बनाड़ निकल कर माता का थान तक पहुंचते हैं।



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